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लोस चुनाव में सपा और भाजपा में टक्कर,, समीकरण बिगाड़ने में बसपा व एआईएमआईएम

  • लोस चुनाव में सपा और भाजपा में टक्कर,, समीकरण बिगाड़ने में बसपा व एआईएमआईएम

सभी दलों के प्रत्याशियों और उनके समर्थकों का प्रचार अभियान शुरू

अम्बेडकरनगर। लोकसभा चुनाव में जहां 9 बार के विधायक लालजी वर्मा के सामने हैं सांसद रितेश पांडेय हैं वहीं मो.कलाम शाह व मुराद अली भी जनपद के लोकसभा चुनाव का समीकरण को बिगाड़ सकते हैं। बसपा के संभावित प्रत्याशी मो.कलाम शाह ने अजमेर स्थित हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती रह की दरगाह पर हाजिरी लगा कर चुनाव प्रचार की शुरुआत कर दिया है। कलाम का विश्व विख्यात दरगाह मखदूम अशरफ किछौछा से गहरा रिश्ता है। कलाम के पिता स्वर्गीय कलाम शाह दरगाह मलंग के सज्जादानशीन थे और मौजूदा समय मे उनके बड़े भाई आलम शाह भी मलंग सज्जादानशीन हैं। कलाम का दावा है कि बसपा प्रमुख बहन मायावती से उनकी व्यक्तिगत मुलाकात के दौरान उन्हें चुनाव लड़ाने का पूर्ण विश्वास दिलाया है। कलाम भारी लाव लश्कर के साथ क्षेत्र भ्रमण कर जनसमर्थन की अपील कर रहे हैं। एआईएमआईएम जिलाध्यक्ष मुराद अली ने भी लोकसभा चुनाव में ताल ठोंक दिया है। मुराद अनवरत क्षेत्र भ्रमण कर रहे हैं और उनका दावा है कि एआईएमआईएम आगमी लोकसभा चुनाव में बड़ी मजबूती से चुनाव लड़ेगी। मुराद ग्रामीण क्षेत्र के अलावा नगरीय क्षेत्र में भी अपनी पैठ बनाने में लगे हुए हैं। कांग्रेस इंडिया गठबन्ध में जनपद की सीट सपा के खाते में गई तो सपा ने राजनीतिक चाणक्य माने जाने वाले पूर्व मंत्री व 9 बार के विधायक लालजी वर्मा पर अपना दांव लगा दिया। टांडा व कटेहरी विधानसभा को लालजी की राजनीतिक भूमि कहा जाता है हालांकि उनकी पुत्री डॉक्टर छाया वर्मा ने भी जलालपुर विधानसभा में शानदार प्रदर्शन किया था। बसपा शासनकाल में मंत्री रहते हुए लालजी द्वारा महामाया मेडिकल कॉलेज ही नहीं बल्कि टांडा-कलवारी पुल के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किया था तथा सैकड़ों लोगों को रोजगार से लगाने का श्रेय भी लालजी वर्मा पर जाता है। सपा प्रत्याशी लालजी वर्मा व उनके समर्थक पूरी तरह से मैदान में उतर चुके हैं और अपने शुभचिंतकों तक पहुंच कर देश की सबसे बड़ी सदन का सदस्य बनाने की अपील कर रहे हैं। सपा प्रत्याशी लालजी वर्मा को कांग्रेस के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं का भी समर्थन मिल रहा है। दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी ने सपा बसपा गठबंधन में बसपा के सिम्बल पर सांसद बने रितेश पांडेय पर दांव लगाया है। रितेश को राजनीति विरासत में मिली है। उनके पिता राकेश पांडेय भी बसपा के सिम्बल पर सांसद रह चुके हैं और मौजूदा समय में सपा के सिम्बल पर जलालपुर के विधायक हैं। रितेश के चाचा पवन पांडेय व कक्कू पांडेय ने भी राजनीतिक में अपना अलग मुकाम बनाया है। सांसद रहते हुए रितेश पांडेय का पराली न जलाने को लेकर जागरूकता मैराथन दौड़ एवं प्रदेश स्तरीय फुटबॉल मैच का आयोजन सदैव चर्चा में रहा है। बसपा सांसद रहे रितेश पांडेय अब भाजपा की शरण में पहुंच कर पुनः देश के सबसे बड़े सदन में जाना चाहते हैं हालांकि उनके पिता अभी भी सपा की साइकिल पर सवारी कर रहे हैं जो चर्चा का विषय बना हुआ है। रितेश पाण्डेय का आगामी 7 फरवरी को जनपद आगमन होने जा रहा है। बहरहाल जनपद में लोकसभा चुनाव का रंग चढ़ चुका है और हर कोई अपने-अपने हितानुसार क्षेत्र में चर्चाएं कर रहा है तथा आदर्श आचार संहिता लागू होने का बड़ी बेसब्री से इंतजार भी हो रहा है।

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