लोकमाता अहिल्याबाई नारी सशक्तिकरण की अनुपम नजीरः डॉक्टर धर्मेंद्र

बलिया। लोकमाता अहिल्याबाई होलकर भारतीय इतिहास की ऐसी शासक के रूप में जानी जाती हैं जिनका जीवन अध्यामिकता और सुशासन का अनुपम संगम था उनके इसी अनन्य स्वरूप के कारण उन्हें पुण्य श्लोक की उपाधि प्रदान की गई, उनकी शिव भक्ति धार्मिक कार्यों के प्रति समर्पण ने उन्हें युगों युगों तक अमर बना दिया लोकमाता अहिल्याबाई का जीवन भारतीय संस्कृति और अध्यामिकता की अनुपम मिशाल है उनके धार्मिक कार्य आज भी हम लोगों को प्रेरित करते हैं। उक्त बातें भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष विधान परिषद के सदस्य डॉक्टर धर्मेंद्र सिंह ने बलिया में आयोजित पंचायत प्रतिनिधियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहीं डॉक्टर धर्मेंद्र ने आगे कहा कि लोकमाता की शिवा भक्ति इसी से जाना जा सकता है कि उन्होंने होल्कर राज्य की समस्त संपत्ति पर तुलसी दल रखकर उसे भगवान शिव को अर्पित करने के बाद शासन को संभाल उनके राज्य का प्रत्येक आदेश भगवान शंकर के आज्ञा अनुसार नाम से जारी होता थे जो उनकी शिव भक्ति का उदाहरण है। विधान परिषद सदस्य डॉक्टर धर्मेंद्र ने यह भी दोहराया कि मध्यकाल की विषम परिस्थितियों में भी लोकमाता ने अपने अदम्य साहस और शौर्य का परिचय देते हुए मुगल आक्रांताओं द्वारा विध्वंस किए गए मंदिरों का पुनर्निर्माण कराया इतना ही नहीं उन्होंने कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक खंडित हुए मंदिरों को दुबारा बनवाकर सनातन संस्कृति के गौरव को पुनर्जीवित करने का महान कार्य किया। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि अहिल्याबाई प्रशासनिक कार्यों में निपूर्ण थी उन्होंने खुद ही लगान वसूली न्याय और प्रजा की समस्याओं का समाधान करने का कार्य शुरू किया जो उनकी प्रशासनिक क्षमता को सिद्ध करता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष संजय मिश्रा ने किया बलिया पहुंचने पर कार्यकर्ताओं ने प्रदेश उपाध्यक्ष का बहुत ही गर्मजोशी से स्वागत किया स्वागत करने वालों में ब्लॉक प्रमुख शशांक तिवारी आदि प्रमुख रहे।