राजस्व महकमा जलालपुर भ्रष्टाचार की लिख रहा नई कहानी, बगैर डर और शर्म के घूस का सिलसिला जारी

(ओंकार शर्मा )
अम्बेडकरनगर। जलालपुर तहसील भ्रष्टाचार की नई कहानी लिख रहा है। एंटी करप्शन टीम के लिये यह तहसील सबसे मुफीद बन गई है। यहां के राजस्व विभाग के कर्मियों के अंदर से डर और शर्म खत्म हो गई है। ताजा मामला गुरुवार को हुई जब एंटी करप्शन टीम ने यहां तैनात कानूनगोराजस्व निरीक्षक भुवन प्रताप सिंह को सात हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। आरोपी को मौके से हिरासत में लेकर टीम अकबरपुर कोतवाली गई। यह कार्रवाई भूमि पैमाइश के एवज में अवैध वसूली की शिकायत के आधार पर की गई।
पैमाईश के नाम मांगी गई रिश्वत की हुई शिकायत
जलालपुर तहसील क्षेत्र के उसरहा निवासी विपिन मौर्या ने अपनी जमीन की पैमाइश धारा-24 के तहत कराई थी। दो बार पैमाइश हो चुकी थी, लेकिन रिपोर्ट जानबूझकर रोक ली गई। जब तीसरी बार प्रक्रिया शुरू हुई, तो कानूनगो भुवन प्रताप सिंह ने 15 हजार रुपये की मांग की।
आठ हजार पहले शेष भुगतान पत्थर नसब से परेशान पीड़ित ने किया था शिकायत
विपिन मौर्या ने आठ हजार रुपये की पहली किस्त दे दी थी।इसके वावजूद कानूनगो बगैर बकाया रुपया लिए काम को तैयार नहीं थे। पीड़ित ने हिम्मत जुटा कर इसकी शिकायत एंटी करप्शन अयोध्या यूनिट टीम से। टीम ने योजना बनाकर जाल बिछाया जिसमें कानूनगो गुरुवार को फंस गए।गुरुवार को जैसे ही विपिन मौर्या ने तहसील परिसर में सात हजार रुपये कानूनगो को दिए, एंटी करप्शन टीम ने मौके पर पहुंचकर छापेमारी की और आरोपी को रंगेहाथ पकड़ लिया। गिरफ्तारी के साथ ही तहसील परिसर में हड़कंप मच गया और वहां मौजूद कर्मियों में खलबली मच गई।
एंटी करप्शन की कार्यवाही के दौरान अधिकारियों की चल रही थी बैठक
अपर जिलाधिकारी डॉ सदानंद गुप्ता अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी श्यामदेव आदि तहसील सभागार में सावन माह को लेकर बैठक कर रहे थे उधर अयोध्या एंटी करप्शन टीम ने तहसील परिसर से राजस्व निरीक्षक कानूनगो भुवन प्रताप को एक किसान से पैमाइश और पत्थर नसब के बदले सात हजार रुपए घुस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
इसके पूर्व कई लेखपाल हो चुके हैं कार्यवाही के शिकार
यह हाल तब है जब एंटी करप्शन टीम जलालपुर तहसील में लगातार छापेमारी कर लेखपालों को घुस लेते गिरफ्तार कर चुकी है।अभी माह भर पहले एक रेस्टोरेंट से लेखपाल अरुण यादव को 10 हजार रुपए लेते रंगे हाथ पकड़ जेल भेज चुकी है।इसके वावजूद राजस्व कर्मियों में कोई डर नहीं है।