रखरखाव के अभाव व विभाग की लापरवाही से बेमानी साबित हो रहा लाखों खर्च के बाद भी वृक्षारोपण अभियान

- रखरखाव के अभाव व विभाग की लापरवाही से बेमानी साबित हो रहा लाखों खर्च के बाद भी वृक्षारोपण अभियान
टाडा (अम्बेडकरनगर)। लाखों खर्च के बाद भी वृक्षारोपण अभियान धरातल पर उतरता दिखाई नहीं दे रहा है रखरखाव के अभाव तथा संबंधित विभाग की लापरवाही से यह अभिमान बेमानी साबित हो रहा है सिंचाई के अभाव में भीषण सर्दी के चलते अधिकांश पेड़ पौधे सूखने के कगार पर पहुंच गए हैं। जानकारी के बावजूद सभी मौनसाधे है।
शासन द्वारा प्रतिवर्ष वन विभाग को पौधे लगवाने का लक्ष्य दिया जाता है वन विभाग द्वारा प्रत्येक ग्राम सभा की जमीन, नहर के किनारे, रेलवे लाइन तथा सड़क के किनारे पौधे लगाये जाते है पौधों के रखरखाव के लिए विभाग ने वाचर की नियुक्ति भी की है जो पेड़ों में पानी देने के साथ अन्य देखभाल करने का काम करते हैं।
वृक्षारोपण से लेकर लगभग 2 वर्षों तक रोपित पौधों की सुरक्षा की जिम्मेदारी वन विभाग की होती है प्रतिवर्ष पौधों की सुरक्षा के लिए ब्रिक गार्ड लगाए जाते हैं इन सब के बावजूद टांडा तथा आसपास के क्षेत्रों में अधिकांश पौधे सूखने कगार पर पहुंच गए है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि वन विभाग द्वारा लगाए गए अधिकांश ब्रिक गार्ड टूट गए हैं जिससे ज्यादातर पौधे जानवरों की भेंट चढ गए हैं ऐसे में क्षेत्र को हरा-भरा रखने के लिए शासन की मंशा पर विभाग की लापरवाही के कारण पानी फिरता नजर आ रहा है।
टांडा-बरुआ जलांकी मार्ग पर लगाए गए पौधे सूख गए हैं तथा ब्रिक गार्ड की ईंट भी गायब हो चुकी है क्षेत्र के विष्णु ,विवेक,राम अशीष आदि का कहना है कि वृक्षों की सुरक्षा के नाम पर वन विभाग कभी गंभीर नहीं रहा है जो पौधे आरोपित कर दिये गये है उन्हे कभी देखने की जहमत विभाग नही उठाता है ।