Ayodhya

मुख्यमंत्री जी, जिले में छलावा बना थाना समाधान दिवस, न्यायालय जाने की सलाह से फरियादी परेशान

 

अम्बेडकरनगर। जमीनी विवाद को हल कराने के लिए थाना पर आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस अब मजाक बन गया है। कोई दबंग किसी की खतौनी अथवा आबादी कब्जा कर ले। पीड़ित शासन की प्राथमिकता में शामिल मुख्यमंत्री पोर्टल,सभी जनपद स्तरीय अधिकारियों अथवा संपूर्ण समाधान दिवस थाना समाधान दिवस आदि में शिकायत कर अपनी खतौनी अथवा आबादी की जमीन पर अवैध कब्जेदारों से जमीन छुड़वाने की मांग करे। राजस्व विभाग उसकी परेशानी अथवा मामला हल करने के बजाय सक्षम न्यायालय में मुकदमा दायर कर अनुतोषण प्राप्त करने की आख्या लगा रहे है। अब सवाल यह है कि जब पीड़ितो को मुकदमा दायर कर अनुतोषण प्राप्त करना है तो संपूर्ण अथवा थाना समाधान दिवस का आयोजन ही क्यों किया जा रहा है। शनिवार को जलालपुर तहसील के मालीपुर थाना में नायब तहसीलदार अमरनाथ दुबे की अध्यक्षता में समाधान दिवस का आयोजन किया गया।इस मौके पर आई कुछ शिकायतों का वर्णन है जिससे राजस्व अधिकारियों और कर्मचारियों की मंशा देखी जा सकती है। मालीपुर की रहने वाली हमीदा पत्नी मुशरिफ की खतौनी बैरागल गांव में है किंतु इनके विपक्षी इनके नाम की खतौनी पर अवैध कब्जा कर लिया है। इन्होंने मुख्यमंत्री पोर्टल के साथ ही सम्पूर्ण थाना समाधान दिवस में कुल सात बार शिकायत दर्ज करा चुके है। किंतु नतीजा सिफर। आठवीं बार इन्होंने शिकायत दर्ज कराई। सुल्तानपुर जनपद के अखंडनगर थाना के कुंदा भैरोपुर निवासी महेन्द्र निषाद पुत्र संतराम ने मालीपुर थाना के नेमपुर गांव में एक भूखंड का बैनामा लिया। इस पर उन्होंने घर का निर्माण करा लिया है किन्तु प्रधान इन्हें मिट्टी की पटाई नहीं करने दे रहे है। आरोप है कि प्रधान पुत्र धन की मांग कर रहा है। चौथी बार शिकायत दी। ठठा गांव निवासी मुंशीराम विश्वकर्मा की खतौनी गांव में है। इस पर विपक्षी अवैध कब्जा कर लिया है। तीन बार इन्होंने शिकायत किया। कोई मौके पर नहीं गया। शनिवार को चौथी बार शिकायत दर्ज कराई। सुल्तानपुर जनपद के तड़वा गांव निवासिनी एक महिला का विवाह मालीपुर थाना के बीबीपुर इटौरी गांव में हुआ था। पति पत्नी के बीच संबंध विच्छेद हो चुका है। शादी में मायके वालों ने पति रवि निषाद के नाम से बाइक खरीद कर दी थी। अब रवि निषाद न तो बाइक वापस कर रहे हैं और न ही रुपया दे रहा है। पीड़ित पिता चौथी बार शिकायत दर्ज कराई। उक्त तो मात्र एक नजीर है। ऐसे दर्जनों जमीनी मामले समाधान दिवस में पहुंच रहे है किंतु उन्हें न्याय नहीं मिल रहा है।

 

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