महाभ्रष्ट अफसर के संरक्षण में मानक के विपरीत मिट्टी और बालू खनन का जिले में चल रहा कारोबार

- महाभ्रष्ट अफसर के संरक्षण में मानक के विपरीत मिट्टी और बालू खनन का जिले में चल रहा कारोबार
- बगैर रायलटी के चहुंओर खनन माफिया तालाबों व सरयू नदी में करवा रहे हैं खुदाई
- लेखपाल से लेकर गांवों के प्रधान व तहसीलों के एसडीएम की भी इन पर बरस रही कृपा
अम्बेडकरनगर। एक तरफ जहां सरकार भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए संकल्पित है वहीं खनन विभाग के भ्रष्टाचार से जिले में मानक के विपरीत मिट्टी से लेकर सरयू नदी से बेखौफ खुदाई का कारोबार चल रहा है। जिधर देखिए वहीं खनन माफियाओं की जेसीबी पोकलेण्ड मशीने और उनके डम्फर लोड होकर सड़कों पर दौड़ रहे हैं.
किन्तु किसी के विरूद्ध कार्यवाही नहीं हो रही है। इस अवैध खनन को लेकर अब लोगों की जुबान से निकलने लगा है कि विभाग का अफसर महाभ्रष्ट है जिसे किसी का आदेश और निर्देश कोई मायना नहीं है। बस उसकी जेब में मनचाहा लछमिनिया की बरसात होती रहे।
ज्ञात हो कि सूबे की मुख्यमंत्री द्वारा भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए निरन्तर कदम उठाये जा रहे हैं और विभागों के लिए अधिकारियों को सभी कार्यों में नियम निर्धारित किये गये है किन्तु उसे दर किनार कर सम्बंधित विभाग के अफसर अवैध कमाई में जुटें हैं।
इसकी नजीर जिले का खनन विभाग है यहां अधिकारी के रूप में दाउद अंसारी को कार्यरत होना बताया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार इनके कार्यकाल में मानक के विपरीत मिट्टी से लेकर सरयू नदी से बालू निकालने का कारोबार खूब फल-फूल रहा है। बताया जाता है कि इस तरह के कारोबार में विभाग के अधिकारी और उनके कर्मचारियों का खनन माफियाओं पर संरक्षण है जिसके एवज में इन सभी को मुह मांगी रकम मिला करती है।
इसी तरह का मामला सामने आया है जनपद मुख्यालय की सीमा में अयोध्या रोड 50 नम्बर ट्यूबेल से होते हुए फोर लेन बाईपास का निर्माण चल रहा है जिसकी पटाई में 7 करोड़ मिट्टी का ठेका होना बताया जा रहा है। इसके लिए सम्बंधित ठेकेदार द्वारा इर्द-गिर्द के गांवों में तालाबों से मिट्टी निकाली जा रही है।
इल्तिफातगंज रोड,कोटवा गांव के ग्रामीणों ने बताया कि यहां लगभग साढ़े सात बीघे के तालाब की खुदाई में इस ठेकेदार ने जेसीबी मशीन और डम्फर लगाकर 18 फिट की गहराई तक खुदाई करवाया है। इस खुदाई से अब छुट्टा जानवरों के साथ अन्य के लिए भी खतरा बन गया है। लोगों ने बताया कि इसके अलावा दर्जन भर गांवों के तालाबों की मिट्टी इसी तरह से निकाली जा रही है जब कि खनन के लिए 1 मीटर तक ही कहीं से मिट्टी निकालने का प्राविधान है।
ऐसे ही सरयू नदी से भी बेखौफ बगैर रायटी दिये खनन माफियाओं की बालू खुदाई चल रही है। अधिकृत ठेकेदार के सापेक्ष ज्यादातर अवैध रूप से खनन माफिया अपनी मंशा में कामयाब है। चहुंओर बालू और मिट्टी की खुदाई को लेकर आमजन के स्वर मुखर होने लगे है।
लोगों का कहना है कि विभाग का जो अफसर है वह महाभ्रष्ट है जिसे उसकी मंशानुरूप जेब में लछमिनिया आती रहे, चाहे मुख्यमंत्री का आदेश हो अथवा डीएम का सभी जाए भाड़ में। हालांकि इस अवैध खनन में स्थानीय स्तर पर लेखपाल,प्रधान और सम्बंधित तहसीलों के एसडीएम को भी उन्हें अपने दायित्व के निर्वहन करने है किन्तु इनके भी खनन माफियाओं पर कृपा होना बताया जा रहा है।(अगले अंक में और पढ़िए खबर)