महापुरुषों का जीवन परोपकार एवं परहित के लिए ही होता है समर्पित-प्रो. परेश कुमार

अम्बेडकरनगर। बाबा बरुआ दास स्नातकोत्तर महाविद्यालय परुइया आश्रम में बाबा बरुआ दास की पुण्यतिथि को मनाया गया। इसी अवसर के साथ शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में परास्नातक संस्कृत, स्नातक द्वितीय वर्ष, स्नातक तृतीय वर्ष के साथ वाणिज्य संकाय तथा हिन्दी विभाग के छात्र-छात्राओं द्वारा शिक्षक सम्मान समारोह का भी आयोजन किया गया। संस्कृत विभाग में परास्नातक की छात्राओं पल्लवी, निर्मला, रुपम, बबली, गोल्डी, शीतल, पूनम, नेहा, मीना आदि के संयोजन में तथा स्नातक द्वितीय वर्ष में शिक्षा द्विवेदी, संज्ञा विश्वकर्मा, श्रुति चौहान, दिशा तिवारी अमन वर्मा इत्यदि के संयोजन में तथैव स्नातक तृतीय तीय वर्ष में शिवानी गुप्ता,ब्यूटी यादव, दीक्षा वर्मा, तसवीर फात्मा इत्यादि के संयोजन में शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पुण्यश्लोक आध्यात्म पुरुष बाबा बरुआ दास महाराज का स्मरण करते हुए प्राचार्य प्रोफेसर परेश कुमार पाण्डेय ने कहा की महापुरुषों की जीवन परोपकार एवं परहित के लिए ही समर्पित होता है। बरुआ धाम एवं परुइया आश्रम महाविद्यालय इसका जीवन्त उदाहरण है। छात्रों से सर्वपल्ली राधाकृष्णन का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा की शिक्षक का व्यक्तित्व बहुआयामी होता है। वह अपने अपने विद्यार्थियों को क्या करना चाहिए, यह बताने के बजाय क्या नहीं करना चाहिए यह समझाने पर अधिक जोर देता है और अपनी अंतरात्मा से विद्यार्थियों के हित में तल्लीन रहता है। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर परेश कुमार पाण्डेय के साथ उपप्राचार्यं प्रोफेसर पवन कुमार गुप्त तथा समस्त प्राध्यापकों एवं कर्मचारियों ने बाबा बरुआ दास को श्रद्धा सुमन अर्पित किया तथा साथ ही सम्मान समारोह आयोजित करने वाले विद्यार्थियों को उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए एकनिष्ठ अध्ययन हेतु प्रेरित किया।