भियांव ब्लॉक की ग्राम पंचायतों के विकास में नहीं थम रहा भ्रष्टाचार, नेवादा कला का फिर आया मामला

प्राइवेट नौकरी, व्यापारी विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र बने मनरेगा मजदूर, इन सभी के नाम पर प्रधान व सचिव कर रहे हैं धन का बंदरबांट
अंबेडकरनगर। भियांव ब्लॉक में मनरेगा योजना में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है।अभी चार दिन पहले बगैर कार्य के पुरानी फोटो लगाकर मनरेगा में भुगतान के मामले में नोटिस जारी कर जबाव मांगा गया है वहीं इसी भियांव ब्लॉक के नेवादा कला गांव में स्थाई दुकान चलाने वाले दुकानदार, प्राइवेट वाहन चलाने वाले चालक,गैर जनपद में रहकर रोजी रोटी कमाने वाले प्रवासी और छात्र छात्राओ को मजदूर दिखाकर जहां उनकी फर्जी हाजिरी लगाई जा रही है वहीं मजदूरी की धनराशि भुगतान की जा रही है।यह सभी रिकॉर्ड मनरेगा साइड पर ऑनलाइन दर्ज किए जा रहे हैं। मनरेगा के तहत ग्राम पंचायत में तालाब की खुदाई, खेतों का समतलीकरण, खड़ंजा सीसी और इंटरलॉकिंग कार्यों में मजदूरों को काम करते हुए दिखाया जा रहा जबकि वास्तविकता यह है कि ये लोग मजदूरी के अलावा दुकान आदि चलाते है। प्राप्त रिकॉर्ड के अनुसार नेवादा बाजार में साइकिल स्टोर की दुकान चलाने वाले संजीव मौर्य पुत्र श्याम जीत मौर्य ,मुर्गा मटन की दुकान चलाने वाले निजामुद्दीन पुत्र तजमुल और मुंबई मे रह कर नौकरी करने वाले मोहम्मद जव्वाद पुत्र रहीम बॉक्स मनरेगा में पंजीकृत है और मजदूरी कर भुगतान ले रहे है।इतना ही नहीं फेरी कर चूड़ी बेचने वाले और गुमटी मैं चूड़ी विसाता की दुकान रखने वाले अफरुजहां पत्नी असलम, तेल पिराई की चक्की चलाने वाली अनवरी पत्नी जुल्फेकार, दूसरे शहर में नौकरी करने वाले परमेश मौर्य पुत्र राम सुरेश मौर्य, प्रतिदिन 500 से 1 हजार रुपए वाहन चलकर कमाई करने वाले ड्राइवरबाबर पुत्र मोहम्मद अकरम, खुद की टेंपो चालक बरकत अली पुत्र यार मोहम्मद, किरना की दुकान, चाट भंडार तथा गल्लां खरीदारी के व्यवसाई रोहित अग्रहरि पुत्र राम उजागिर ,जूता चप्पल की बड़ी दुकान तथा चाट भंडार की दुकान के मालिक जगदीश पुत्र मिठाई लाल, नाई की दुकान पर कार्य करने वाले सलमान अली पुत्र अली अहमद, सब्जी की दुकान के मालिकअली अहमद पुत्र जब्बार, छात्रा रुबीना पुत्री रियाज और छात्र शाकिर अली पुत्र निजामुद्दीन मनरेगा में मजदूरी करते है। जब इस वावत गांव वासियों से जानकारी की गई तो उक्त जानकारी मिली।ग्रामीणों ने नाम नहीं प्रकाशित की शर्त पर बताया कि ग्राम पंचायतों में मनरेगा के साथ ही अन्य योजनाओं में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है।ग्रामीणों को भ्रष्टाचार की जानकारी होने के बावजूद मुंह नहीं खोलना मजबूरी बन गई है। शिकायत पर अधिकारी कार्यवाही करते नहीं अपितु एक नई दुश्मनी बन जाती है।अब देखना यह होगा कि इस मामले में क्या कार्यवाही की जाती है।