भगवान श्री कृष्णा की झांकियों के साथ हुआ ऐतिहासिक दधिकांदव उत्सव का आगाज

टांडा,अंबेडकरनगर। प्रभु श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के दो दिन बाद श्रीकृष्ण दधिकान्दव समाज टांडा के तत्वावधान में लगभग 400 वर्षो से नगर में आयोजित होने वाले दधिकांधव उत्सव का आगाज सोमवार देर शाम हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत श्रीझारखंड महादेव मंदिर छज्जापुर के निकट भगवान श्रीकृष्ण की झांकी की महाआरती के साथ हुई इसके बाद भव्य श्रृंगार के साथ भगवान श्रीकृष्ण की झांकियों ने लोगों का मन मोह लिया। कान्हा के अलग-अलग स्वरूप से जुड़ी झांकियों को देख लोग खुशी से झूम उठे। जगह-जगह पुष्प वर्षा के साथ ही श्रद्धालुओं ने आरती उतारी।इस दौरान निकलने वाली परंपरागत शोभायात्रा में शामिल होने के लिए दूरदराज से श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंच गयी है। सुरक्षा के लिए बड़ी संख्या में पुलिस व पीएसी के जवान लगाये गये थे। वहीं सीसी टीवी कैमरे पूरी गतिविधि पर नजर रख रहे हैं।नगर में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में वर्षो पूर्व बाबा संसारीदास ने दधिकांधव उत्सव मनाए जाने की परम्परा की शुरुआत की थी। प्रभु श्रीकृष्ण लीलाओं से संबंधित झांकियां टांडा नगर की विभिन्न कीर्तन मंडलियों द्वारा निकाली गयी। इस वर्ष लगभग तीन दर्जन झांकी निकाली गयी इसे देखने के लिए नगर और आसपास के ही नहीं, बल्कि अन्य कई जिलों से श्रद्धालु आए हैं। इस अवसर पर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए आधा दर्जन मजिस्ट्रेट , विभिन्न जिलो से आये सब-इंस्पेक्टर शोभायात्रा के मार्गो पर लगाये गये थे प्रत्येक गली व कोतवाली में दर्ज रिकॉर्ड के अनुसार पुलिस व सब-इंस्पेक्टर की ड्यूटी लगाई गई थी। रातभर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ भजन कीर्तन करती रही वही डीजे के धुन पर युवाओ की टोली नृत्य करती रही । भगवान श्रीकृष्ण की झांकियां सुबह भोर मे कस्बा मोहल्ले मे जाकर समाप्त हुई । मेले में चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के लिए सुल्तानपुर, अयोध्या,अमेठी,बस्ती समेत आसपास के जनपदो की पुलिस फोर्स मौजूद रही । जिन स्थानो से झांकिया गुजरी उन गलियों पर भारी पुलिस बल तैनात रहे । प्रत्येक झांकी पर एक सब-इंस्पेक्टर तथा दो सिपाहियों की ड्यूटी लगी थी ।इस दौरान मेले में बाबा अरूण दास,शम्भूनाथ शर्मा, आनन्द कुमार अग्रवाल,संजीव जायसवाल,रामजीत विश्वकर्मा,लालसा मौर्य, वृजेन्द्र कुमार तिवारी, दिनेश नारायण सिंह, सतीश मोदनवाल,संजय अग्रवाल, मनोज मिश्रा, विवेक उपाध्याय तथा पूर्णमासी मौर्य आदि मौजूद रहे।
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4 सौ साल पहले प्रसिद्ध संत बाबा संसारी दास ने रखी थी नींव
पूर्वांचल के प्रसिद्ध मेलो में शुमार श्री कृष्ण दधिकांधव उत्सव की नींव भगवान श्रीकृष्ण के भक्त व सिद्ध संत बाबा संसारी दास ने आज से लगभग चार सौ साल पहले रखी थी जिस प्रकार महाराष्ट्र में गणेश पूजा, उड़ीसा में जगन्नाथपुरी की रथयात्रा , बंगाल में दुर्गापूजा मनाया जाता है ठीक उसी प्रकार यहां दधिकान्दव उत्सव सरयू नदी के पावन तट पर बसे टाण्डा कस्बे में बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है।बाबा संसारी दास मौर्य समाज में जन्मे थे, वे जिले के बेवाना थानान्तर्गत ग्राम अहेथिया में जन्मे थे, जो टाण्डा आकर मोहल्ला-कस्बा में रहने लगे थे। श्री श्री 1008 बाबा संसारी दास सन्त स्वभाव के होने के कारण परिवार छोड़कर टांडा ब्लाक के ग्राम खासपुर के निकट समशुद्दीनपुर में एक तालाब के किनारे जाकर तपस्या करने लगे। उन्होंने समाज से कहा कि मेरे सर्व जगो, सर्वस जगो, मेरे आत्मा जागो, परमात्मा जागो। दुखान्तक खेल का अन्त करो। बाबा संसारी दास धर्म का प्रचार प्रसार करने के बाद सम्वत् 1668 में टाण्डा ब्लाक के पश्चिम ग्राम-शमशुद्दीनपुर में दो नहरों के किनारे जीवित अवस्था में समाधि ले लिया।। बाबा संसारी दास आध्यात्मिक शक्तियों से परिपूर्ण थे हैं । टांडा के समशुद्दीनपुर गांव में उनके समाधि स्थल पर सोमवार और शुक्रवार को श्रद्धालु भक्त कढ़ाई चढ़ाते हैं और मन्नतें मांगते हैंउनके समाधि स्थल पर श्रद्धालु भक्त सदैव से पूजा अर्चना करते चले आ रहे है ।