Ayodhya

बेसिक शिक्षा का सच: परिषदीय विद्यालयों में छात्रों के पंजीकरण में बड़े पैमाने पर गड़बड़झाला. मध्यान भोजन में हो रहा घोटाला

विक्रांत यादव

अंबेडकरनगर। बेसिक शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार इस कदर चरम सीमा पर पहुंच चुका है कि जिसका कोई जवाब ही नहीं है। बेसिक शिक्षा विभाग छात्र-छात्राओं के पंजीकरण में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों द्वारा इतने बड़े पैमाने पर खेल हुआ है कि अगर जांच हो जाए तो सम्भवतः कोई भी प्रधानाचार्य बेदाग नहीं बचेगा।

बताते चलें कि अंबेडकर नगर जिले में बेसिक शिक्षा विभाग में प्रधानाचार्य/इंचार्ज प्रधानाचार्य द्वारा छात्र-छात्राओं के पंजीकरण में काफी बड़े पैमाने पर खेल किया गया है। लगभग किसी भी प्राथमिक विद्यालय में पंजीकरण के अनुरूप छात्रों की संख्या ही नहीं है लेकिन कार्यवाही पूरी करने के लिए प्रधानाचार्य/इंचार्ज प्रधानाचार्य द्वारा छात्र-छात्राओं की संख्या को बढ़ाकर पंजीकृत करते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय को प्रस्तुत कर दिया गया है।

लेकिन किसी भी विद्यालय में पंजीकरण के अनुरूप छात्र-छात्राओं की संख्या ही नहीं है। इसी पंजीकरण संख्या के आधार पर मध्यान्ह भोजन योजना में भी जमकर घोटाला किया जा रहा है। इसके पहले छात्र-छात्राओं को ड्रेस और जूते मौजे के लिए शासन द्वारा टेंडर के माध्यम से उपलब्ध करा दिया जाता था तो वह लगभग छात्र- छात्राओं को मिल जाता था.

लेकिन आज की स्थिति ऐसी है कि शासन के निर्देशानुसार जूता मोजा स्वेटर के लिए डीबीटी के माध्यम से छात्र-छात्राओं कि अभिभावकों के खाते में पैसा भेजने का सिर्फ ड्रामा ही चल रहा है। अभी तक बहुत से ऐसे छात्र पड़े हैं जिनको यह धनराशि उपलब्ध ही नहीं हुई है। लेकिन विद्यालयों द्वारा अपने को सही दिखाने के लिए बच्चों को ड्रेस स्वेटर व जूता पहनावा कर फोटो खींच लिया जाता है और फिर उनके ऊपर से कपड़ों को उतारकर रख लिया जाता है।

आखिर मुख्यमंत्री योगी जी यह भ्रष्टाचार का खेल बेसिक शिक्षा विभाग में कब तक चलता रहेगा। क्या ऊपर से नीचे तक सब डाकू ही बैठे हैं। जो महज कागजों में ही खानापूर्ति कर रहे हैं। कब होगी इन भ्रष्टाचारियों के ऊपर कार्यवाही।

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