Ayodhya

बाबा बरुआदास पीजी कॉलेज में पुनर्जीवित हुई गुरुकुल की परंपरा

अम्बेडकरनगर के बाबा बरुआदास पीजी कॉलेज, परुइय्या आश्रम में प्राचीन भारतीय शिक्षा पद्धति ‘गुरुकुल‘ को नया जीवन मिल गया है। कॉलेज परिसर में प्रतियोगी परीक्षाओं की निःशुल्क कोचिंग कक्षाओं का संचालन शुरू किया गया है। इस पहल के माध्यम से कॉलेज के अनुभवी प्राध्यापक छात्र-छात्राओं को गुरुकुल की तरह ज्ञान का सागर प्रदान कर रहे हैं। सामान्य अध्ययन के अन्तर्गत इतिहास, भूगोल, अर्थव्यवस्था, राजव्यवस्था,रिजनिंग, विज्ञान, सहित हिंदी, अंग्रेजी आदि विषयों की कक्षाएं समय-सारणी के अनुसार चल रही हैं। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. परेश कुमार पाण्डेय ने इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि, ‘‘यह ग्रामीण क्षेत्र के छात्र-छात्राओं के लिए स्वर्णिम अवसर है। गुरुकुल की परंपरा को पुनर्जीवित कर हम नई पीढ़ी को सशक्त बना रहे हैं।‘‘ उन्होंने शीघ्र ही पुस्तकालय में प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित पुस्तकों की संख्या बढ़ाने का भी आश्वासन दिया। छात्र-छात्राओं में इस निःशुल्क कोचिंग कक्षाओं को लेकर उत्साह देखने को मिल रहा है। संयोजक सुशील कुमार त्रिपाठी ने बताया कि, ‘‘हमारा लक्ष्य है कि हर छात्र-छात्रा सफलता के नए आयाम छूए।‘‘ बाबा बरुआदास की पुण्यतिथि के अवसर पर हुए उद्घाटन समारोह में प्राचार्य, उपप्राचार्य प्रो. पवन कुमार गुप्त और संयोजक डॉ. सुशील कुमार त्रिपाठी ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर डॉ.सत्येन्द्र कुमार यादव, राम अचल यादव ,वीरेन्द्र कुमार, डॉ. सुधीर कुमार पाण्डेय,डॉ.राजित राम यादव, डॉ. साजेदा सिद्दीकी आदि प्राध्यापकों के साथ कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। यह पहल न केवल छात्र-छात्राओं के जीवन में बल्कि पूरे क्षेत्र के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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