प्रधानमंत्री आवास में धांधली की जांच अधिकारियों पर हीला-हवाली का आरोप

अबेडकरनगर। प्रधानमंत्री आवास योजना में अपात्र लाभार्थियों के पक्ष में अपनी आख्या लगाने वाले टीम के सदस्यों के विरुद्ध कार्यवाही के बजाय मामला टरकाया जा रहा है। कभी बीडीओ तो कभी डीडीओ तो कभी परियोजना निदेशक भ्रामक रिपोर्ट लगाकर उक्त को बचाने में पूरी ताकत से खड़े है।अब देखना यह होगा कि मुख्य विकास अधिकारी के नेतृत्व में गठित जांच टीम पूर्व जांच टीम पर कार्यवाही की हिम्मत जुटा सकते है अथवा ऐसे ही ऊलजुलूल आख्या लगाकर प्रकरण को फर्जी निस्तारित करते रहेंगे।मामला भियांव ब्लॉक के शिवपाल ग्राम पंचायत के अपात्र प्रधानमंत्री आवास के परिवारों से जुड़ा है।विदित हो कि शिवपाल ग्राम पंचायत में कुल 18 अपात्र लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दे दिया गया। गांव निवासिनी विजय लक्ष्मी ने इसकी शिकायत सम्पूर्ण समाधान दिवस में की। तत्समय गठित टीम के तीन सदस्यों ने स्थलीय जांच किया जिसमें चार लाभार्थी अपात्र मिले। पुनः असंतुष्टि के आधार पर तत्कालीन डीडीओ ने इसकी जांच उक्त तीन सदस्यीय टीम को सौंप दी जिसने चार की अपात्र की रिपोर्ट लगाई थी।तीन सदस्यीय टीम ने दूसरी जांच में 6 लाभार्थियों को अपात्र दिखा दिया। किंतु शिकायतकर्ता संतुष्ट नहीं हुई और उसने जिलाधिकारी से शिकायत दर्ज करा कर अन्य टीम से जांच कराने की मांग किया। जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारी जलालपुर हरि शंकर लाल को जांच सौंपी उन्होंने हल्का लेखपाल से जांच कराई तो 12 लाभार्थी अपात्र पाए गए।यह जांच का सिलसिला बीते तीन चार वर्षों से अनवरत चलता रहा।12 लाभार्थियों से वसूली और तीन सदस्यीय टीम के सदस्यों के विरुद्ध कार्यवाही नहीं होने से व्यथित शिकायतकर्ता विजय लक्ष्मी ने मुख्यमंत्री पोर्टल, टोलफ्री नंबर, जिलाधिकारी समेत अन्य अधिकारियों से शिकायत का सिलसिला जारी रहा। नतीजतन बीडीओ भियांव अंजली भारती ने तीन सदस्यीय टीम के सदस्यों को जिनका स्थानांतरण गैर ब्लॉक और जनपदों में हो गया है नोटिस जारी कर जवाब मांगा जो नोटिस जारी होने तक ही सीमित रहा।अब शिकायतकर्ता ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर पुनः जांच और जांच टीम में फर्जी रिपोर्ट लगाकर मामले को उलझाने वाले सदस्यों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की है। परियोजना निदेशक ने जिलाधिकारी को भेजे गए पत्र में अनुरोध किया है कि ब्लॉक स्तर से इसकी जांच नहीं हो सकती लिहाजा मुख्य विकास अधिकारी के निर्देश पर गठित तीन सदस्यीय टीम स्थलीय जांच कर रिपोर्ट देगी।अब देखना यह होगा कि तीन सदस्यीय टीम जांच रिपोर्ट किसके पक्ष में देती है भविष्य ही बताएगा।