Ayodhya

धनुष यज्ञ में भाग लेने आये राजाओं के बीच भगवान राम को देख मुदित हुई सीता

मालीपुर, अंबेडकरनगर। धनुष यज्ञ की तैयारी चल रही है देश के सभी राजा धनुष यज्ञ में भाग लेने के लिए कार्यक्रम स्थल पर पहुंच चुके है। राजा जनक मंत्रियों के साथ सभी की अगुवानी कर उन्हे आसन दिलवा रहे है। सामने भगवान शिव की विशाल धनुष रखी गई है। माता सीता सहेलियों के साथ यहां पहुंच रहे राजाओं को निहार रही थी किंतु उनकी आंखे जिसको देखने के लिए तरस रही थी वे अभी नहीं पहुंचे थे।

इसी दौरान महर्षि विश्वामित्र के साथ हाथ में धनुष बाण लेकर श्रीराम और लक्ष्मण पहुंचते है। दोनों युवाओं को देख माता सीता के चेहरे पर अलौकिक सौंदर्य और खुशी चमकने लगती है। राजा जनक ऋषि विश्वामित्र और अवध के युवराज राम और लक्ष्मण की अगुवानी करते है उन्हे आसन पर विराजमान कराते है। तभी धनुष यज्ञ की घंटा घड़ियाल के बीच उद्घोषणा होती है।

जो इस भगवान शिव की धनुष को तोड़ेगा राजरानी सीता उसके गले में माला डाल कर वर ग्रहण करेगी। भगवान शिव का धनुष उठाने की सभी राजा बारी-बारी से कोशिश करते है किंतु उठाने की बात दूर उसे हिला नहीं पा रहे है। सभी पसीने से लथपथ खुद पर असफलता का भाव लिए वापस लौट रहे है। विश्व विजेता रावण भी धनुष को नहीं उठा सका।

जब कोई राजा भगवान शिव के धनुष को उठाने की बात छोड़ जब हिला तक नहीं सका तो राजा जनक चिंतित और व्याकुल होकर कहते है कि ये देश-देश के राजगन हम किसे कहें बलशाली है। मुझको अब विश्वास हुआ पृथ्वी बीरो से खाली है। बीते 30 वर्षो से आदर्श श्रीरामलीला समिति खजुरी करौदी बाजार में चल रहे रामलीला में राजा जनक की बात सुन भगवान श्रीराम के बगल में आसीन लक्ष्मण क्रोध में खड़े हो गए और कहा कि सुनो सभापति सभासद शूरवीर सरदार सच्चे योद्धा सच्चा क्षत्रिय अपमान नहीं सह सकता है।

जिनको सुनने की ताप नहीं वह चुप कैसे रह सकता है। रघुवंश राम के होते अनुचित वाणी कह डाली है यह शब्द बज्र से चुभते हैं पृथ्वी वीरों से खाली है। लक्ष्मण का यह संवाद सुन दर्शक जय श्रीराम का गगनभेदी नारा लगाते है। भगवान श्रीराम महर्षि विश्वामित्र से आज्ञा लेकर प्रभु शिव की धनुष का नमन कर उसे हाथ की एक अंगुली से उठाकर उसे खंड खंड कर देते है।

धनुष टूटने की आवाज से पृथ्वी कांप उठी और देवताओं ने फूल वर्षा शुरू कर दी। भगवान शंकर की धनुष टूटने की आवाज से क्रोधित परशुराम फरसा लेकर स्वयंवर में पहुंचते हैं और यह शिव जी का धनुष किसने तोड़ा क्रोधित होकर पूछने लगते हैं।

इस बीच परशुराम, भगवान श्री राम और लक्ष्मण का संवाद देख दर्शन मंत्र मुग्ध हो गए और जब ऋषि परशुराम ने राम और लक्ष्मण को गले लगाया तो पूरा परिसर भगवान श्री राम के जयकारे से गूंज उठा। मुदित मन से सीता ने श्रीराम के गले माला डाल दिया। स्वयंवर में धनुष तोड़ सीता के वरण के बाद सूचना अयोध्या भेजी गई। राजा दशरथ हाथी घोड़ा पालकी के साथ जनकपूरी को रवाना हो गए।

निकली राजा राम की शोभनीय बारात

रामलीला मंचन से लगभग 500 मीटर दूरी से भगवान श्रीराम की बारात निकाली गई बारात में हाथी घोड़ा बैंड बाजा के साथ सैकड़ो की संख्या में महिला पुरुष बाराती रहे गाना नाच के बीच बाराती रामलीला मंचन तक पहुंचते हैं वहां सभी ग्रामीण महिला पुरुष ने माता सीता और राम की आरती उतार उनका विवाह संपन्न कराया।

बट 30 वर्षों से आदर्श श्रीरामलीला समिति का आयोजन किया जा रहा है गांव निवासी लालता वर्मा अरविंद वर्मा रंजीत समेत अन्य ने रामलीला की न्यू राखी बीते 7 वर्ष से इसका संचालन सुरेश कुमार वर्मा की जिम है हेमंत पांडेय जहां विकास की भूमिका में वही कुलदीप चतुर्वेदी डायरेक्टर का निर्वहन कर रहे हैं।

रामलीला की व्यवस्था में मुस्लिम निभा रहे अहम रोल

भगवान श्रीराम की लीला में व्यवस्था की जिम्मेदारी मुस्लिम समुदाय भी देखता है। फिरोज खान, इमरान, मोहम्मद रुस्तम समेत दर्जनों प्रतिदिन रामलीला में व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालते हैं। जरूरत पड़ने पर यह किरदार का भी रोल करते रहते हैं। रामबचन वर्मा की हास्य कलाकारी से दर्शक बंधे रहते है।

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