Ayodhya

ताबड़तोड़ एंटी करप्शन टीम की कार्यवाही के बावजूद लेखपालों के भ्रष्टाचार में कोई सुधार नहीं

 

अंबेडकरनगर। एंटी करप्शन टीम के जाल में घुस लेते बार-बार फसने और जेल भेजे जाने के बाद राजस्व लेखपालों में इसका कोई असर नहीं पड़ रहा है। राजस्व लेखपाल घुस लेने से बचने के बजाय बगैर डर के रुपया ले रहे है। ताजा मामला फिर एक बार सुर्खियों में है जहां जलालपुर तहसील के सबसे रंगबाज चर्चित लेखपाल अरुण यादव को अयोध्या एंटी करप्शन टीम ने तहसील के सामने एक रेस्टोरेंट में रंगे हाथ घुस लेते उन्हें दबोच लिया। इसके पहले इसी तहसील में तैनात लेखपाल राम जस, श्रीराम, लेखपाल संघ पूर्व अध्यक्ष दुर्गा प्रसाद आदि को रंगे हाथ घुस लेते पकड़ा था और इन्हें जेल की राह दिखाई थी। एंटी करप्शन टीम द्वारा लगातार घूस लेते पकड़े जाने और उन्हें जेल भेजने के बावजूद राजस्व लेखपालों के दिल से डर नहीं निकल रहा लिहाजा बगैर घुस लिए किसी का सही काम नहीं करना इनके खून में शामिल हो गया है।तहसील जलालपुर के सबसे चर्चित लेखपाल रहे अरुण कुमार यादव तहसील के सबसे चर्चित लेखपाल रहे। अरुण जिस भी क्षेत्र में रहे जमीनी पैमाईश में गलत पैमाईश कर उसको दुरुस्त करने में धन ऐंठने में इनको महारथ हासिल थी।इनकी शिकायतों को अधिकारी भी गंभीरता से नहीं लेते थे। गलत आय प्रमाणपत्र निर्गत का आरोप आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ की भर्ती में आय प्रमाणपत्र का विशेष रोल होता है।वर्तमान समय में अरुण कुमार यादव हासिमपुर जिंदासपुर के लेखपाल हैं। जिलाधिकारी मुख्य विकास अधिकारी आदि को भेजे गए शिकायती पत्र में इनके विरुद्ध कार,कई बाईकों के मालिक,लाखों रुपए का आलीशान पक्का मकान और उसमें एसी समेत अन्य सुविधा से पूर्ण व्यक्ति का आय 42000 हजार रुपए बनाने का था। किन्तु इनके विरुद्ध जांच नहीं की गई।इनके विरुद्ध कार्यवाही के बजाय सीडीओ ने हासिमपुर का चयन रोक दिया। कास अधिकारी इनके विरुद्ध आ रही शिकायतों का संज्ञान लेते और इनके विरुद्ध कार्यवाही कर दिए होते तो तहसील की साख बची रहती।उपजिलाधिकारी पवन जायसवाल ने बताया कि अरुण कुमार यादव को एंटी करप्शन अयोध्या की टीम ने रंगे हाथ घुस लेते गिरफ्तार किया है।अभी एंटी करप्शन टीम की रिपोर्ट नहीं मिली है। रिपोर्ट मिलते ही इन्हें निलंबित कर दिया जाएगा।

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