तहसील टाण्डा कर्मियों पर मछुआ समुदाय ने लगाये उत्पीड़न का आरोप

अंबेडकरनगर। तहसील टांडा में मछुआ समुदाय के लोगों द्वारा 13 नवंबर को आयोजित तालाब पट्टा नीलामी में बोली लगाई गई थी। नियमानुसार, जिन लोगों को पट्टा आवंटित नहीं हुआ, उनकी जमानत धनराशि वापस की जानी चाहिए थी। परंतु, अब तक संबंधित धनराशि वापस नहीं की गई है, जिससे मछुआ समुदाय के लोग पवन कुमार कृष्ण गौड़ राहुल कुमार मालती देवी इत्यादि लोग परेशान हैं। मछुआ समुदाय के लोगों का आरोप है कि तहसील प्रशासन द्वारा बार-बार संपर्क करने के बावजूद धनराशि लौटाने में आना-कानी की जा रही है। इतना ही नहीं, तहसीलदार द्वारा मछुआ समुदाय के लोगों को धमकी दी जा रही है कि यदि उन्होंने धनराशि वापस मांगी, तो उन्हें जेल भेज दिया जाएगा। मछुआ समुदाय के लोगों ने तहसीलदार पर अभद्र भाषा का प्रयोग कर डराने-धमकाने का भी आरोप लगाया है। राजस्व संहिता की धारा 57 और 58 के अनुसार, बोली लगाने वाले व्यक्ति की जमा धनराशि जब्त करने का कोई प्रावधान नहीं है। उच्चतम बोली लगाने वाले व्यक्ति की धनराशि रजिस्टर नंबर चार में जमा कर रसीद दी जाती है, जबकि अन्य बोलीदाताओं की जमानत धनराशि तत्काल लौटा दी जानी चाहिए। मछुआ समुदाय के लोगों ने जिलाधिकारी से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। उनका कहना है कि धनराशि जल्द से जल्द वापस कराई जाए और तहसीलदार के खिलाफ उचित कार्यवाही की जाए, ताकि उनका उत्पीड़न बंद हो। इस घटना से मछुआ समुदाय के लोगों में भारी आक्रोश है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर उनकी धनराशि वापस नहीं की गई, तो वे बड़े स्तर पर प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे।