तहसील जलालपुर के अधिकारियों का रामराज,कमाऊ पूत कर्मचारियों के सहारे भ्रष्टाचार, जरूरतमंद हैरान

इस काली करतूत का खामियाजा भुगत रही है तहसील क्षेत्र की निरीह जनता
(ओंकार शर्मा)
अंबेडकरनगर। रामराज्य देखना हो तो तहसील जलालपुर आए। यहां अधिकारी कर्मचारी द्वारा गलत करने की सजा दूसरे को दी जा रही है। तहसील के मुखिया अपने कमाऊ पूत लेखपालों को बचाने के चक्कर में निरीह व्यक्ति को बलि का बकरा बनाया जा रहा है। मामला जलालपुर तहसील के गौरा महमदपुर गांव से जुड़ी है जहां लेखपाल ने अवैध कमाई के चक्कर में एक सप्ताह के अंदर एक ही महिला का दो बार आय प्रमाणपत्र जारी कर दिया और महिला इसी आय प्रमाणपत्र के सहारे आंगनबाड़ी कार्यकर्ती पद पर नियुक्त पा गई।यह पहला मामला नहीं है इसके पूर्व आधा दर्जन के करीब लेखपालों पर अवैध धन लेकर संपन्न लोगो का गरीबी नीचे से जीवन यापन का आय प्रमाणपत्र जारी कर दिया था। शिकायत के बाद उक्त के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई। शनिवार को संपूर्ण समाधान दिवस में जलालपुर तहसील के गौरा महमदपुर गांव निवासी सुभाष चंद पुत्र आशाराम ने उपजिलाधिकारी को दी गई शिकायत में बताया कि इसी गांव की रहने वाली सुषमा पाठक पुत्र अभिषेक उपाध्याय का 6 जनवरी 25 को0हल्का लेखपाल ने 48 हजार रुपए का आय प्रमाणपत्र जारी किया था।महज 4 दिन बाद हल्का लेखपाल ने इनको अति गरीब मनाते हुए 10जनवरी 25 को इनका प्रमाणपत्र 42 हजार रुपए जारी कर दिया।इसी आय प्रमाणपत्र को लगाकर सुषमा ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ती का पद हथिया लिया।एक सप्ताह के अंदर दो दो आय प्रमाणपत्र जारी होने की शिकायत मिलते ही उपजिलाधिकारी ने हल्का लेखपाल मिथलेश को तलब किया। मिथलेश आय प्रमाणपत्र जारी नहीं करने की बात कह पिंड छुड़ाता रहा। उसने एक निजी ऑपरेटर का नाम लिया और कहा कि निजी ऑपरेटर ने आईडी पासवर्ड का दुरुपयोग कर इसे जारी किया है।इसके बाद उपजिलाधिकारी कमाऊ पूत हल्का लेखपाल की बात से संतुष्ट हो गए और निजी ऑपरेटर को पुलिस के हवाले कर दिया।अब सवाल यह है कि लेखपाल का आईडी पासवर्ड एक निजी ऑपरेटर के पास कैसे पहुंचा।निजी ऑपरेटर बार बार इनकार करता रहा किंतु उपजिलाधिकारी उसकी बात सुनने के बजाय उसे पुलिस हिरासत में भेज लेखपाल को क्यों बचाने में लगे है।
इसके पहले हुई शिकायत पर नहीं लिया संज्ञान
आंगनबाड़ी भर्ती के समय ही शिकायतकर्ताओं ने अंबरपुर, जलालपुर देहात, हासिमपुर जिंदासपुर, भियांव समेत अन्य गांवों में लेखपालों द्वारा मनमाने ढंग से आय प्रमाणपत्र जारी किए जाने की शिकायत दर्ज कराई थी। अंबरपुर के लेखपाल ने इसी ढंग से एक ही महिला का महज 6 दिन में दो आय प्रमाणपत्र जारी कर दिया।पहली बार जहां 48 हजार वही दूसरी बार 42 हजार रुपए जारी कर दिया। इसी ढंग से धनवानों का आय 42 हजार और गरीबों का आय 48 हजार बना दिया गया। शिकायत के बाद आय प्रमाणपत्र को निरस्त की जानकारी दी गई किंतु कमाऊ पूत लेखपालों को क्लीन चिट दे दी गई थी। लेखपाल ने तहसीलदार को लिखित देकर स्वयं आय प्रमाणपत्र जारी करने की बात कही है। तहसीलदार को पत्र भेजकर लेखपाल के विरुद्ध जांच का आदेश जारी किया गया है। पवन जायसवाल उपजिलाधिकारी जलालपुर