Ayodhya

डीआरएम साहब! रेलवे विभाग की साख पर बट्टा लगाने वाले आरक्षण लिपिक बृजेश यादव पर किसकी बरस रही है कृपा

👉जिस विभाग में नौकरी उसी को दीमक की तरह चाट भी रहा है
👉रेलवे विभाग को बदनाम कर रहा है लिपिक बृजेश यादव
👉करोड़ों की संपत्ति आखिरकार कहां से आई बताइए डीआरएम साहब

अंबेडकरनगर। जनपद में रेलवे टिकट माफिया के नाम से बदनाम रेलवे आरक्षण लिपिक बृजेश यादव द्वारा विभाग की साख पर बट्टा लगाते हुए भ्रष्टाचार की दलदल से काली कमाई के जरिया को संचालित करने वाला आखिरकार संरक्षण दाता कौन है जो की महज कुछ सालों में अकबरपुर शहर (नगर पालिका) में करोड़ों की संपत्ति बना रखा है‌। क्या रेलवे विभाग इतना मेहरबान आरक्षण लिपिक पर होता है कि नौकरी के कुछ सालों में करोड़ों की संपत्ति बनाई जा सके।

रेलवे स्टेशन अकबरपुर में यदि रेलवे आरक्षण टिकट का काउंटर चलता है तो डीआरएम साहब साफ तौर पर सुन लीजिए और समझ लीजिए कि टिकट आरक्षण लिपिक बृजेश यादव के घर पर भी इससे बड़ा काउंटर चलता है जो इसके काली कमाई का बहुत बड़ा जरिया है और यह बात पूरे जनपद में किसी से छिपी भी नहीं है। इस भ्रष्टाचारी टिकट माफिया ने अपनी जड़ें इतनी मजबूत बना रखी है कि विभाग का कोई अधिकारी, जांच टीम की हिम्मत नहीं पड़ती कि इसे छू भी सके।

क्योंकि सूत्र बताते हैं कि इसकी सेटिंग बहुत ही जबरदस्त तरीके की है सभी को लक्ष्मीनिया के दम पर अपनी मुट्ठी में रखता है और काली कमाई को इकट्ठा कर करोड़ों की संपत्ति खड़ा कर चुका है। गुंडा और बदमाशों के साथ इसकी यारी होने के कारण यह मनबढ और दबंग लिपिक बात बात पर गुंडई और मारपीट पर उतारू हो जाता है जो उसकी आदत में शुमार हो चुका है.

हद तो तब हो गई कि बिना कुछ परवाह किए षड्यंत्र के तहत ड्यूटी के दौरान जबरन घर में घुसकर तीन महिलाओं पर लाठी डंडों से वारकर जानलेवा हमले की घटना को अंजाम दे डाला और पुनः ड्यूटी पर पहुंचकर सभी के आंखों में धूल झोंक डाला। विभाग को तो मानो अपने हाथों का मेल समझता हो हर्ष सीनियर अधिकारियों को अपने पैरों की जूती समझता हो।

रेलवे टिकट आरक्षण लिपिक बृजेश यादव के संपत्तियों की यदि जांच हो जाए तो इस के काले कारनामों की गुथी और काली कमाई का भंडाफोड़ होने में देरी नहीं लगेगी। आखिरकार रेलवे विभाग जानबूझकर आस्तीन का सांप क्यों पाल रखा है जिस थाली में खाता है उसी में छेद कर रहा है।

रेलवे टिकट इसके लिए कामधेनु गाय बन चुका है और काली कमाई का एक बेहतरीन जरिया जिसके दम पर करोड़ों की संपत्ति बना रखा है और रेलवे विभाग में रेलवे टिकट माफिया बनकर अपनी एक नई पहचान बना ली है जो कि पूरे जनपद में बदनाम हो चुका है। जनता हैरान और परेशान इस बात को लेकर है कि आखिर क्या रेलवे विभाग में कोई ऐसे जिम्मेदारान अधिकारी, सीनियर अधिकारी नहीं होते हैं जो ऐसे भ्रष्टाचारी,टिकट माफियाओं पर नकेल कस सके और इनके इस भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म कर सकें।

✒️( अगले अंक में पढ़िए उक्त लिपिक द्वारा 17 साल की नौकरी में कराए अकबरपुर नगर में 19 बिस्वा जमीनों के साथ अन्य संपत्तियों का विवरण)

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