Ayodhya

डग्गागार बसों पर रोक लगाने में नाकाम साबित हो हो रहे हैं उप संभागीय परिवहन अधिकारी

  • डग्गागार बसों पर रोक लगाने में नाकाम साबित हो हो रहे हैं उप संभागीय परिवहन अधिकारी

टांडा,अम्बेडकरनगर | डग्गामार बसों पर रोक लगाने में उपसंभागीय परिवहन विभाग नाकाम साबित हो रहा है। कार्रवाई के नाम पर अधिकारी इक्का दुक्का बसों का चालान कर रिपोर्ट शासन को भेज देते हैं। टांडा से लखनऊ लिए दो दर्जन प्राइवेट बसें चल रही है इसके अलावा दिल्ली और मुंबई के लिए प्राइवेट बसें चलाई रही है मात्र टूरिस्ट परमिट होने के बावजूद ये बसें विभिन्न चौराहों पर रुककर सवारी भरती हैं।
टांडा, किछौछा , बसखारी, एनटीपीसी तथा इल्तिफातगंज से ये बसें यात्रियों को ढो रही हैं।

यहां से लेकर लखनऊ व अन्य जिलो तक जितने थाने पड़ते है उन सभी थानो पर ये डग्गामार वाहन महीना देते है इनकी पकड़ इतनी मजबूत है कि जिन रास्तो पर रोडवेज बसो को ज्यादा सवारियां मिलती है उन रास्तो की रोडवेज बसों को एआरएम को पूजा चढाकर बंद करवा देते है और फिर उस मार्ग पर आसानी से डग्गामार वाहन चलने लगती है शासन भी इन मगरमच्छों के सामने असहाय है पुलिस की नजरों के सामने से ये बसें सुबह चार बजे ही सवारियां बटोरना शुरू कर देती हैं।

संचालकों ने हर एक बस का समय निर्धारित कर रखा है। इसी के अनुसार बसें बारी-बारी आकर सवारी भरकर रवाना हो जाती हैं। इन डग्गामार बसों ने बाकायदा अपना बुकिंग सेंटर किछौछा, टांडा तथा इल्तिफातगंज में बना रखा है।। यहीं से टिकट की बुकिंग की जाती है। नागरिकों ने डग्गामार वाहनो पर रोक लगाने की मांग मुख्यमंत्री से की है ।

लखनऊ की सवारी आने पर अयोध्या जाने वाले यात्रियों को कर दिया खड़ा
लखनऊ जाने वाली प्राइवेट बसों को यात्रियों द्वारा मनमाना किराया दिये जाने के बाद भी बस संचालकों द्वारा यात्रियों के साथ मनमानी की जाती है प्राइवेट बस अगर खाली है अयोध्या जाने वाला यात्री यदि आ गया तो उसे सीटों पर तो बैठा दिया जाता है लेकिन जैसे ही लखनऊ जाने वाला कोई यात्री आ जाता है तो अयोध्या जाने वाले यात्री को सीट से तुरंत खड़ा कर दिया जाता है और लखनऊ वाले को बैठा दिया जाता है । अब सवाल उठता है कि सीट केवल लखनऊ जाने वाले यात्रियों के लिए है ।

अयोध्या जाने वाले यात्री इंसान नही होते है या किराया नही देते है जो उन्हे खड़ा कर दिया जाता है टांडा नगर वासियों ने आरोप लगाया है कि पुलिस प्राइवेट बस संचालको से मिली हुई है ।टांडा से लखनऊ जाने वाले यात्रियों को सीट पर और अयोध्या जाने वाले यात्रियों को स्टैंडिंग में भूसे की तरह खड़ा कर दिया जाता है। न तो एआरटीओ को यह दिखाई पड़ता है और न ही पुलिस को । आखिर स्टैंडिंग में भूसे की तरह यात्रियों को क्यो ढोया जा रहा है ? यह ऐसा सवाल है जिसका उत्तर जानने के लिए सभी बेताब है ।

आखिर अयोध्या के लिए क्यों नही चलाई जा रही है रोडवेज बसें
मंडल मुख्यालय होने के बाद भी अयोध्या के लिए बसे नही चलाई जा रही है पूर्व में अयोध्या के लिए बसे चलती थी लेकिन रोडवेज विभाग के अधिकारी एआरएम की मनमानी के चलते पूर्ण रूप से रोडवेज बसें बंद कर दी गयी बताया जाता है कि प्राइवेट बस मालिक एआरएम से मिले हुए है जिसके बदले उन्हे मोटी रकम देते है । इसीलिए अयोध्या के लिए रोडवेज बसें नही चलाई जा रही है ।

रोडवेज से एक किमी के दायरे में नही खड़ी होनी चाहिए बसें

डग्गामार वाहन रोडवेज बस स्टैंड के एक किलोमीटर के दायरे में नही खड़ी होनी चाहिए लेकिन पुलिस की मिली भगत से ये डग्गामार वाहन खुलेआम रोडवेज से सवारिया बैठाते है लेकिन पुलिस जानकर भी कुछ नही बोलती है सूत्र बताते है कि टांडा कोतवाली ,अलीगंज थाना तथा हंसवर थाने की पुलिस डग्गामार वाहनों के मालिको से हर महीने मोटी रकम लेती है इसलिए इन बसो को के मालिक जब महीना लेकर थाने पर पहुंचते है तो इनकी दामाद की तरह आवभगत होती है ।

प्रतिमाह होती है लाखो के राजस्व की हानि

इन डग्गामार वाहनो की वजह से प्रतिमाह लाखो रूपये राजस्व की हानि हो रही है सब कुछ जानने के बाद भी सभी अन्जान है

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