Ayodhya

टाण्डा में संचालित प्राइवेट नर्सिंग होम बन गये हैं लूट का अड्डा

  • टाण्डा में संचालित प्राइवेट नर्सिंग होम बन गये हैं लूट का अड्डा
  • फीस,जांच व भर्ती के नाम पर मरीजों के तीमारदारों की जेब कर रहे ढीली

टाण्डा, अम्बेडकरनगर। स्वास्थ्य सेवाएं मरीजों के लूट का जरिया बन गये है प्राइवेट में हालात बद से बद्त्तर हो गया है। इलाज के नाम पर उन्हें दोनों हाथों से लूटा जा रहा है। मनमानी वसूली के नाते क्लीनिक खोलकर बैठे तथा नर्सिंग होम खोलकर बैठे डाक्टर हैवान हो गये। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी अभी तक नर्सिंग होम की कमिया नहीं ढूंढ पा रहे है जबकि कमियां इतनी है कि नर्सिंग होम पर ताला पड़ जाय।

नर्सिग होम में बैठे डॉक्टर खुले आम लोगों का आर्थिक शोषण कर रहे हैं। सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाल स्थिति को देखते हुए प्राइवेट नर्सिग होम के डाक्टरां को लगता है कि अब मरीजों को जैसा मन करा वैसा लूटो इसी उद्देश्य से जैसे ही मरीज इन प्राइवेट डाक्टरों को दिखाने जाता है तुरंत डकैतां की तरह ये डाक्टर जांच लिख देते है जांच में इनका रेट फिक्स है।

एक ही दिन में जांच के नाम पर 2 हजार पांच सौ से 5 हजार रुपये लिए जा रहे हैं। क्षेत्र के निजी अस्पतालों में भर्ती मरीज का बिल 40 से 50 हजार रुपये बना दिया जाता है। इतने भारी-भरकम खर्च को झेलना मरीज के वश से बाहर होता जा रहा है। डॉक्टरों की फीस के अलावा नर्सिंग होम का खर्च भी दो दिन का 8 हजार रुपये तक लिया जा रहा है। ऐसे मामलों की शिकायत प्रशासन के पास भी पहुंच रही है, लेकिन जिम्मेंदार अधिकारी भी मरीजों को कोई राहत नहीं दिलवा पा रहे हैं। लोगो ने जिलाधिकरी से निजी अस्पतालों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।

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