टांडा बांदा मार्ग के ढाबा मालिक संचालकों की मनमानी राहगीरों के लिए बन गई है मुसीबत

टाडा (अम्बेडकरनगर) राजमार्ग टांडा-बांदा पर ढाबा संचालकों की मनमानी के चलते खड़े ट्रक व भारी वाहन मुसाफिरों के जान के दुश्मन बन गए हैं। वाहनों से टकराकर राहगीर घायल हो रहे हैं। कई की जिंदगी काल के गाल में समा चुकी है।सुबह से रात तक ट्रक, बस सड़क के दोनों तरफ ढाबों के सामने ही खड़े रहते हैं, इससे हाईवे पतली गली की तरह दिखता है।
दोपहिया वाहन चालक बड़े वाहन के सामने से आने पर किनारे नहीं जा पाते और खड़े ट्रक से टकरा जाते हैं। इन वाहनों पर रेडियम प्लेट भी न लगे होने से खतरा और बढ़ जाता है।पूर्व में कई हादसे भी हो चुके हैं, लेकिन इसे रोकने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। थानाध्यक्ष सहित गरुण वाहिनी की टीम हाईवे पर निकलती है, लेकिन यहां खड़े वाहनों को देख मुंह फेर निकल जाते हैं।
सेम्हरिया-कलवारी पुल जाने वाले मार्ग ढाबो पर दस टायर्स गाड़ियों व ट्रको की लम्बी कतारें लगी रहती है दिखती है। यहां के जयप्रकाश वर्मा, अशोक वर्मा, सुधीर कुमार, राम बहादुर, लाल बहादुर पाल, जगदीश प्रसाद मौर्य, सीताराम, संतोष धुरिया, सालिकराम कहते हैं कि हाईवे के किनारे खड़े वाहन अंधेरे में दिखाई नहीं देते हैं। इसकी शिकायत एनएचएआइ से लेकर एआरटीओ तथा स्थानीय पुलिसकर्मी से की गई, लेकिन सुनवाई नहीं.