जिले के अधिकारियों व कर्मचारियों की तानाशाही का लोस चुनाव में भाजपा को भुगतना पड़ा खामियाजा

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लगता है इनके निशाने पर है 2027 का विस. चुनाव,किसी की आदत में नहीं आ रहा सुधार
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समीक्षा बैठकों में सूबे के मुख्यमंत्री द्वारा हिदायत के बावजूद इनके सिर में नही रेंग रहा जूं
अम्बेडकरनगर। देश में भारतीय जनता पार्टी एक तरह जहां ऐतिहासिक कार्यों और विकास व कल्याणकारी योजनाओं के बलबूते चुनावों में प्रचंड बहुमत का सपना संजोये रहती है वहीं अधिकारियों व कर्मचारियों की तानाशाही व उनके भ्रष्टाचार पर पानी फेरने का काम कर रहा है। इसकी वास्तविकता अभी हाल में हुए लोस चुनाव में सामने भी आ चुकी है। इन सबके बावजूद भी विभागां के अफसरों की आदत में कोई सुधार होते नहीं दिख रहा है। इससे कहा जा सकता है कि इनके निशाने पर 2027 का विस चुनाव है।
नजीर के तौर पर लिया जाये तो अम्बेडकरनगर जिले में कटेहरी, टाण्डा,आलापुर,जलालपुर व अकबरपुर कुल पांच विधानसभाये है। 2022 में चुनाव हुआ। उस दौरान जिले के मतदाताओं में अधिकारियों व कर्मचारियों की तानाशाही व उनके भ्रष्टाचार के विरूद्ध स्वर मुखर हुए। अंततोगत्वा परिणाम सामने आया कि भाजपा जिसके द्वारा विकास और कल्याणकारी योजनाओं के लाभ पाने वाले लोगों ने भी पक्ष में मतदान नहीं किया और किसी भी सीट पर भाजपा का विधायक नहीं बन पाया। इन सबको लेकर सूबे के मुख्यमंत्री निरन्तर जिले के विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों को हिदायत समीक्षा बैठकों में दिये कि अपनी आदत में सुधार लायें अन्यथा खैर नहीं होगी। यह इस लिए उन्हें हिदायत देनी पड़ी की अधिकारियों के भ्रष्टाचार और उनकी तानाशाही से भाजपा को नुकसान हुआ है लेकिन कोई सुधरने वाला नहीं है किसी भी विभाग में चले जाइये चाहे व कल्याणकारी योजनाओं के लाभ पाने से सम्बंधित हो अथवा किसी को राजस्व अथवा पुलिस से न्याय मिलने की बात हो,सभी में बगैर रिश्वत के किसी का भला नहीं हो रहा है। ऐसे मामले सोशल मीडिया व प्रिंट की सुर्खियों में भी रहते हैं। यह सब होते लोकसभा 2024 का चुनाव भी आ गया जिसमें पार्टी प्रत्याशी को विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों के कृत्य का खामियाजा भुगतना पड़ा। मतदान के दिन और उसके पहले से लोगों में गूंज रहा था कि विभागों के अधिकारियों से सम्पर्क करने पर किसी के फोन पर वार्ता सम्भव नहीं होती जिससे जो भी समस्यायें रहती है उनके मातहतों से आहत होने पर शिकायत तक दर्ज कराना संभव नहीं रहता है। लोगों ने सूबे के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री की छवि और उनकी देश के प्रति बेहतर सोच को नजरदांज करते हुए सपा प्रत्याशी के पक्ष में मतदान कर दिया जिन्हें लगभग डेढ़ लाख वोटों से विजय हासिल हो गयी। इससे यह कहा जा सकता है कि विभागों के अधिकारियों और उनके कर्मचारियों जिनकी जेहन में भ्रष्टाचार समाया है। उनके निशाने पर 2027 का चुनाव है जिनके कृत्यों से जिले की विधानसभाओं में कमल खिलना आसान नहीं होगा।