Ayodhya
जिला चिकित्सालय में मरीजों की भीड़ देख चैम्बर से डॉक्टर के फरार का आया मामला

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चिकित्सकों व कर्मचारियों की मनमानी और तानाशाही बन गयी है दिनचर्या
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इन्हें डीएम से लेकर सीएम के फरमान का कोई असर नहीं,जब मन में आये और चले गये
अम्बेडकरनगर। जिला मुख्यालय स्थित ज्योतिबा फूले संयुक्त जिला चिकित्सालय में चिकित्सकों की मनमानी और उनकी तानाशाही सुधरने का नाम नहीं ले रही है जिससे एक तरफ जहां शासन की मंशा तार-तार हो रही है वहीं मरीजों का समुचित इलाज होना मुश्किल हो गया है जिसे लेकर लोगों में आक्रोश व्याप्त है। इसकी वास्तिवकता सोमवार को सामने आयी। इलाज कराने आये मरीजों को निराश वापस लौटना पड़ा।
ज्ञात हो कि शासन द्वारा मरीजों के बेहतर इलाज के लिए अस्पतालों पर भारी भरकम धनराशि व्यय किया जा रहा है। ताकि अस्पतालों से मरीजों को इधर-उधर भटकना न पड़े किन्तु जिला मुख्यालय पर स्थित ज्योतिबा फूले संयुक्त चिकित्सालय में तैनात चिकित्सकों से लेकर जो कर्मचारी है उनकी मनमानी और तानाशाही इस कदर कायम है कि ऐसा प्रतीत होता है कि उन्हें न तो डीएम और न ही सीएम के फरमान का असर है जब में मन में आया अस्पताल चले आये और वापस गये इसका कोई ठिकाना नहीं है।
सोमवार को जिला अस्पताल की पड़ताल में उस समय इसकी हकीकत सामने आ गयी जब संवाददाता निर्धारित अवधि में वहां पहुंचा तो देखने को मिला कि शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों से आये मरीजों की भीड़ लगी थी कुछ चैम्बर में चिकित्सक बैठकर सम्बंधित बीमारियों के मरीज को देख रहे थे वहीं 24 नम्बर के चैम्बर में बैठे चिकित्सक जिनका नाम खरवार बताया जा रहा है,के द्वारा बढ़ते मरीजों के तादात से एकाएक गायब हो गये। उनके आने का इंतजार मरीज करते रहे किन्तु नजर नहीं आये। इस चिकित्सक द्वारा मरीज अपना इलाज न करवा पाने की दशा में निराश होकर वहां से अपने घर चले गये। इसके अलावा जो नर्शों के लिए चैम्बर बना है वह भी अस्पताल के समय पूरी तरह खाली रहा। उल्लेखनीय है कि यह हाल आज का ही नहीं है इन चिकित्सकों और कर्मचारियों की आये दिन की दिनचर्या बन गयी है। इसका मुख्य कारण इन चिकित्सकों को अपनी निजी क्लीनिक के संचालन में लिप्त होना बताया जा रहा है जिसकी चर्चा जनपद वासियों में जोरों पर है।