जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायतों में फर्जी रिपोर्ट को लेकर लोगों में आक्रोश

अंबेडकरनगर। मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल जनसुनवाई पोर्टल पर लगाई जा रही फर्जी आख्या से शिकायतकर्ताओं में भारी रोष है। बगैर जांच के विपक्षीयो से मिलीभगत कर आख्या लगाकर शासनादेश की धज्जियां नायब तहसीलदार देवानंद तिवारी द्वारा उड़ाया जा रहा है।
पीड़ित शिकायतकर्ता ओंकार शर्मा निवासी कुलहियापट्टी ने दुबारा मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज करा कर नायब तहसीलदार द्वारा लगाई गई आख्या की जांच की मांग की है ।शिकायतकर्ता ने उपनिबंधक कार्यालय के सामने स्टैंप विक्रेता रणधीर सिंह की दुकान से 210 रूपये का ऑनलाइन स्टैंप खरीदा था। स्टैंप विक्रेता ने 210 रूपये का स्टैंप 280 रूपये में दिया था।
स्टैंप विक्रेता से टेलीफोन पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि दाम यही देना पड़ेगा।प्रार्थी ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत की जांच नायब तहसीलदार देवानंद तिवारी ने किया था। अंतिम दिन जांच अधिकारी द्वारा फर्जी आख्या लगाकर शिकायत निस्तारित कर दिया गया।
नायब तहसीलदार ने दो स्टैंप विक्रेताओं को आधार बनाकर जहां सही और सत्य शिकायत को झूठा और मनगढ़ंत बताया वही भ्रष्ट्राचार में डूबे दो स्टैंप बिक्रेताओ का बयान लगाकर सत्य शिकायत को निस्तारित कर दिया गया।इतना ही नहीं स्टैंप ज्यादा दाम पर बेचे जाने की सूचना उपजिलाधिकारी हरिशंकर लाल को दी गई थी।
अब सवाल यह है कि जांच अधिकारी ने स्टैंप बिक्रेताओ को दूध का धुला लिखकर उन्ही का बयान दर्ज कर शिकायत को निस्तारित कर दिया वह भी महज कुछ रूपयो के लालच में।
शिकायतकर्ता ने प्रकरण की उपजिलाधिकारी जलालपुर से अन्य किसी तहसील से कराने की शिकायत दुबारा मुख्यमंत्री पोर्टल पर दर्ज कराई है। जांच अधिकारी द्वारा फर्जी आख्या लगाने से शिकायतकर्ताओं में जहां अक्रोश है वही मुख्यमंत्री पोर्टल पर सवालिया निशान लग रहा है।