Ayodhya

आवास योजना में अपात्रों को लाभान्वित करने में सम्बंधित के विरूद्ध कार्यवाही तय

  • पात्रता चयन में लापरवाही पाये जाने पर खैर नहीं-जिलाधिकारी

अंबेडकरनगर। आईजीआरएस पर जन शिकायतों के निस्तारण संबंधी वर्णित व्यवस्था के अंतर्गत मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा संदर्भों के गुणवत्ता का परीक्षण किया जाता है। इसी परिपेक्ष्य में मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा रेंडम गुणवत्ता परीक्षण में एक शिकायत की गुणवत्ता का परीक्षण किया गया, जिसमें अपात्र को दिए जा रहे आवास आवंटन की जांच कराए जाने के अनुरोध के संबंध में अपलोड की गई व्याख्या से स्पष्ट है कि शिकायत जांच में सत्य पाई गई अपात्र होते हुए भी संबंधित अधिकारियों द्वारा उसे आवास आवंटन किया गया यह अत्यंत गंभीर प्रकरण है।

जिसका संज्ञान मुख्यमंत्री कार्यालय से लिया गया है एवं जिलाधिकारी को पत्र प्रेषित कर प्रकरण में दोषी पाए गए अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने व विभागीय कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किया गया। संबंधित प्रकरण पर जिलाधिकारी अविनाश सिंह के निर्देश पर तत्काल संज्ञान लेते हुए ग्राम विकास अधिकारी नेहा सिंह को प्रथम दृश्य दोषी पाया गया। इनके द्वारा विकास खंड कटेहरी में अपात्र लाभार्थी को मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत आवास आवंटित किए जाने, उच्च अधिकारियों के आदेशों की अवहेलना करने, अपने पदीय दायित्वों का निर्वहन न करने, शासकीय कार्यों के प्रति उदासीनता बरतने के कारण तत्काल प्रभाव से निलंबित कर कार्यालय खंड विकास अधिकारी भीटी से संबद्ध किया गया है।

जिलाधिकारी अविनाश सिंह द्वारा जनपद के समस्त अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि आईजीआरएस के प्रकरण को गंभीरता से लें तथा शासन द्वारा आम आदमी के लिए जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्तियों को दिलाना सुनिश्चित करें। किसी प्रकार की लापरवाही करने पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

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