आरक्षण समर्थक संगठनों ने किया प्रदर्शन,भेजा राष्ट्रपति को ज्ञापन

जलालपुर,अंबेडकरनगर। आरक्षण का वर्गीकरण व क्रीमी लेयर लागू करने में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को असंवैधानिक बताते हुए आरक्षण समर्थक संगठनों द्वारा प्रदर्शन कर राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा गया। बीते 1 अगस्त को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आरक्षण के मुद्दे पर सुनवाई करते हुए आरक्षण से लाभान्वित जातियों का वर्गीकरण कर उनमें क्रीमी लेयर लागू करने पर फैसला दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने अपनी मंशा स्पष्ट करते हुए बताया था कि सामुदायिक रूप से पिछड़े हुए सभी जाति समूह में आरक्षण का सामान विभाजन हेतु उक्त प्रक्रियाएं आवश्यक है। सर्वोच्च न्यायालय की इस फैसले को संविधान में दिए गए आरक्षण की अवधारणा के विपरीत बताते हुए संगठनों द्वारा इसके विरोध में प्रदर्शन का आह्वान किया गया था। इसके अनुक्रम में बुधवार को दोपहर जलालपुर तहसील परिसर में प्रदर्शन का राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंप कर कुल दस बिंदुओं में अपनी मांगों को व्यक्त किया गया। इन मांगों में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा फैसला वापस लेने, कानून बनाकर इसे रद्द करने, आरक्षण के मुद्दे को संविधान की नवीं अनुसूची में शामिल करने, आरक्षण का आधार आर्थिक न करने, क्रीमी लेयर को हटाने, आरक्षण का वर्गीकरण न करने, जजों की नियुक्ति, राज्यसभा और विधान परिषद में तथा प्राइवेट सेक्टर में भी आरक्षण लागू करने और लेटरल एंट्री को रद्द करने अथवा इसमें भी आरक्षण लागू करने की मांग शामिल है। इस अवसर पर प्रदर्शन का हिस्सा रहे जिला पंचायत सदस्य आलोक सिंह यादव ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश के ऊपर आरएसएस की विचारधारा थोपी जा रहे हैं जो आरक्षण सीमा को कम करती जा रही है। उन्होंने आर्थिक के बजाय सामाजिक आधार पर आरक्षण देने की वकालत करते हुए सुप्रीम कोर्ट से जातीय जनगणना करवाते हुए आरक्षण लागू करने की मांग की। इस अवसर पर प्रविंद कुमार, मनोज कुमार विवेक, निखिल, शनि, मनोज कुमार गौतम समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।