आखिर कौन हैं? भाजपा के जयचन्द! जिनके विपक्ष के प्रत्याशी से जुड़े हैं तार को लेकर चर्चा

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ऐसे नेता अपने को पार्टी का खेवनहार बताने में नहीं कर रहे हैं संकोच
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कटेहरी विस उपचुनाव लड़ने की चाहत में इन जयचन्दों के भूमिका की चर्चा
अम्बेडकरनगर। भाजपा के शीर्ष नेताओं द्वारा जहां इस लोकसभा चुनाव में सभी सीटों पर जीत हासिल करने के लिए जी तोड़ मेहनत किया जा रहा है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अमित शाह की आये दिन प्रदेश की मानिटरिंग चल रही है। प्रधानमंत्री का भी प्रयास जारी है जिनके द्वारा ज्यादा से ज्यादा सीटों पर स्वयं जाकर पार्टी प्रत्याशी के समर्थन में जनसभाएं की जा रही है किन्तु 55 लोकसभा सीट के चुनाव में जिस तरह से कुछ नेता जो अपने को खेवनहार के रूप में बताने में संकोच नहीं करते है,के द्वारा जयचन्द की भूमिका निभाने के कृत्य आ रहे हैं। इसे लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं से लेकर जनपद वासियों में चर्चा का विषय बना है।
ज्ञात हो कि 2014 के इस लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को भारी मतों से विजय मिली थी। इसके पहले यहां कभी खाता नहीं खुला था। जानकारों का कहना है कि कभी टिकट में पार्टी प्रत्याशी का सही चयन न होना इसका प्रमुख कारण रहा है। इन दिनों जिन महानुभावों के हाथों में बीजेपी की जिले में कमान है वह सभी कहीं न कहीं से पार्टी के लिए नुकसान दायक साबित हो रहे हैं। इसकी चर्चा पूरे लोकसभा क्षेत्र में जोरों पर गूंज रही है।
इन्हीं महानुभावों के चलते पार्टी को 2022 के विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर हार का सामना पड़ा था। यही हाल नगर पालिका और नगर पंचायत के चुनाव में भी रहा लेकिन यह काकश लखनऊ तक इतनी मजबूत पकड़ रखता है कि अपनी गणेश परिक्रमा और सेटिंग के बलबूते पार्टी के कर्णधारों को प्रभावित कर लेता है जिसकी सजा जिले के मतदाता और कार्यकर्ताओं को भुगतना पड़ रहा है।
यह चर्चाओं का बाजार गर्म है कि कुछ भाजपाई सुरमा अपने आप को जो 55 लोकसभा सीट के प्रत्याशी का बहुत खास बताकर उनके आगे पीछे घूम रहे और अपने हर नाम से पार्टी को फायदा के बदले नुकसान पहुंचा रहे है, ऐसे महानुभाव उप चुनाव लड़ने के खातिर सपा प्रत्याशी के भी सम्पर्क में होने बताये जा रहे हैं जो कि जांच का विषय है।
इन सभी बातों की चर्चा पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ताओं से लेकर जिले की विधानसभाओं के क्षेत्र में स्थित चाय-पान की दुकानों पर जहां भी चुनाव की बात छेड़ दीजिए वहीं लोग शुरू कर देते है कि अमित शाह और प्रधानमंत्री जहां 400 पार के आकड़ें को साकार करने में जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं वहीं इस जिले के ऐसे भाजपाई जो अपने को पार्टी के खेवनहार बताने में नहीं चूकते उनके द्वारा इस तरह का कृत्य किया जा रहा है।
ऐेसे स्थानों पर होती चर्चाओं पर कुछ लोगों ने जब यह सवाल किया कि आखिर वे कौन है ? जिनके द्वारा विधानसभा कटेहरी उपचुनाव लड़ने की चाहत में जयचन्द की भूमिका निभायी जा रही है पर लोगों ने कहा कि यह सब सामने आ ही जायेगा। वेसे इस तरह के जिन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त लोगों पर नजर रखने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है उन्हें सही ढंग से दायित्व निभाना चाहिए ताकि 2014 के लोस चुनाव का इतिहास दोहराया जा सके।(इससे जुड़ी खबर और पढ़िए अगले अंक में)