आईडीए के खिलाफ दर्ज मुकदमे के पश्चात पुलिस महकमा ने भी संचालक उसके अधीनस्थों से जमकर की वसूली, इसे लेकर चर्चा का बाजार गर्म

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अंबेडकरनगर में आईडीए ऑनलाइन करोड़पति बनाने का झांसा देकर लोगों के करोड़ों लेकर फरार,
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अब टाल्विन लाइफ समेत दर्जनों कंपनियों ने पसारा पांव,
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संचालक चोला बदल बदल कर रहा काला कारोबार
अंबेडकरनगर। जिले में रुपया लगाओ और डालर कमाओ का खेल काफी बड़े पैमाने पर चल रहा था लेकिन कुछ ही समय में इस खेल के खिलाड़ी जिले की जनता को इतनी बुरी तरह से लूट लिया कि उसकी कमर ही टूट गई। और इतना ही नहीं यह जालसाज फराड कंपनियां कहीं विदेश की नहीं होती है बल्कि इसी ही जिले के कुछ जालसाजी नेटवर्कर ऐसी कंपनियों की सॉफ्टवेयर साइड बनाकर लांच करते हैं और बताते हैं कि यह विदेश की कंपनी है बहुत अच्छा मुनाफा दे रही है और उसी के नाम पर लोगों को ठगना शुरू करते हैं और अंत में मोटी रकम लूट कर फरार हो जाते हैं।
सूत्रों के अनुसार जिले में टाल बिन लाइफ कंपनी भी पैसा लगाओ और डालर कमाओ के अनुसार ही चल रही है आखिर इस कंपनी का जन्मदाता कौन है यह किस देश की कंपनी है। और किस आधार पर लोगों को मुनाफा दे रही है। सोशल मीडिया पर भी कुछ ऐसी तस्वीरें पोस्ट होती नजर आई जिसको देखने के बाद लोगों की आंखें फटी की फटी रह गई। 2400 रुपया लगाओ और आसानी से 10 किस्तों में लाखों और करोड़ों कमाओ।
आखिर इस कंपनी के जादूगर का ऐसा कौन सा फंडा है जो लोगों को इतनी बड़ी इनकम देने के नाम पर पांव पसार चुका है। कहीं कुछ दिन बाद यह भी आईडीए की तरह लोगों का गला रेत कर फरार तो नहीं होगी। इस कंपनी के संबंध में जब जिले के कुछ ऐसे लीडरों से बात की गई जो सूत्रों के अनुसार इस कंपनी को जिले में लाने वाले हैं तो उन्होंने बताया कि हमने नहीं बल्कि हमारे सीनियर जो सरकारी जॉब भी करते हैं उनके द्वारा हमें मिला है हमारा तो लेवल बहुत नीचे है।
बताते चलें कि विगत माह पहले आईडीए नाम की कंपनी ने रुपया लगाओ और डालर कमाओ के नाम पर इसी जिले से लगभग 900 करोड रुपए का लूटपाट किया था। और उसके बाद कंपनी की साइड एप बंद कर कंपनी के कर्ताधर्ता फरार हो गए। जब इसकी शिकायत प्रशासन में हुई तो प्रशासन भी इन जालसाज फराडो का सहारा बनकर खड़ा होता नजर आया।
अंततः शिकायत के नाम पर जिला प्रशासन के जिम्मेदार भी मोटी मलाई लूट कर जाल सालों को छुट्टी दे दिया। इससे उनके हौसले और भी बुलंदी पर पहुंच गए। सूत्रों के अनुसार इसी तरह की एक नई कंपनी न्यू नेट नाम से फिर जिले में आ गई है और अपना पांव पसारना शुरू कर दिया है। आखिर इस कंपनी का मास्टरमाइंड कौन है क्या प्रशासन इस पर शिकंजा कसने में कामयाब होगा।
इन जालसाजों का जिला मुख्यालय पर कई जगह ऐसा अड्डा है जहां यह बैठकर अपना जाल बिछाते रहते हैं और वहीं से लोगों को कंपनी के विश्वास में लेने में कामयाबी हासिल करते हैं। वही मुख्यालय स्थित एक दुकान पर चाय पानी करते हुए कुछ लोगों से इसके बारे में चर्चा करते हुए जब सुना गया तो पूछने पर लोगों ने बताया कि यह जिले के कुछ पेशेवर नेटवर्कर हैं। जो लोगों को काफी लंबे अरसे से नई नई कंपनियों में ज्वाइन करा कर लूटने में सफल है। और इनके पीछे कुछ सरकारी तंत्र का हाथ भी रहता है जिससे इनका कोई कुछ नहीं कर पाता है।