Ayodhya

अधिशासी अधिकारी की क्रूरता से किछौछा नगरवासी त्रस्त, ठंडक में नहीं हो रही अलाव की व्यवस्था

विक्रांत यादव हिन्दमोर्चा अंबेडकरनगर

अंबेडकर नगर। कड़ाके की ठंडक में लोगों के जीवन में ऐसा प्रभाव डाला है कि ठंडक में सभी लोगों के दैनिक दिनचर्या में बदलाव कर दिया। असहनीय ठंडक से हालत खराब है हर तरफ लोग ठिठुरते और कांपते हुए नजर आ रहे हैं किंतु जीवन याचिका चलाने के लिए बाहर तो निकल ही पडता है और ऐसी स्थिति में यदि चौराहे, नुक्कड़ों और बाजारों में अलाव की व्यवस्था न हो तो हालात बद से बदतर हो जाती है।

चौराहा,बाजारों और नुक्कड़ों पर अलाव की समुचित व्यवस्था होने से स्थानीय और राहगीरों को भी काफी राहत महसूस होने लगता है और सरकार की कार्यशैली और जनता के हित में उठाए गए इस कदम को सराहा जाता है।

बढ़ती ठंडक में अपना विकराल रूप धारण कर लिया है स्थितियां बद से बदतर होती जा रही हैं एक रिपोर्ट के अनुसार एक हफ्ते में लगभग 140 लोगों की नशे ठंडक के कारण फट जाने से मौत के आगोश में सो गए। प्रदेश सरकार ने अलाव की व्यवस्था के साथ लोगों को राहत पहुंचाने का काम किया है।

जिसकी जिम्मेदारियां जिले के जिम्मेदारान अधिकारी और नगर पंचायत एवं नगर पालिका के जिम्मेदारान अधिकारीयों को सौंपी है जो जन जन तक अलाव की व्यवस्था को पहुंचाने का काम करें जिससे बाजारों में रहने वाले लोगों को राहत मिल सके, नुक्कड़ों और चौराहों पर अलाव की व्यवस्था होने से स्थानीय लोगों के साथ-साथ राहगीरों को भी काफी राहत महसूस हो सके और लोग राहत की सांस ले सके ।

किंतु ऐसा हो पाना नगर पंचायत अशरफपुर किछौछा में मील का पत्थर साबित हो रहा है। ठंडक अपना पांव पसारने को आतुर होता जा रहा था तो नगर पंचायत के जिम्मेदारान अधिकारी अपने कुछ मनबढ कर्मचारियों से गीली लकड़ियां नाम मात्र गिरवा कर खानापूर्ति कर रहे थे और और कुछ कर्मचारी अपना स्वार्थ सिद्ध करने के चक्कर में लकड़ियों को गाड़ी पर लाद कर घर ले जा रहे हैं जिसको लेकर काफी हो-हल्ला मचा।

सोशल मीडिया पर तस्वीरें और वीडियो वायरल होने लगे विरोध का स्वर मुखर हो गया। जनता के इस विरोध के स्वर से काफी उम्मीदें जगी थी कि नगर पंचायत द्वारा सूखी लकड़ियां गिराए जाएंगे और लोग राहत का सांस लेंगे किंतु ऐसा ना हो सका बल्कि 2-3 दिन तक तमाम चिन्हित स्थानों पर लकड़ियां अलाव के लिए नहीं गिराई गई तो नगर में काफी आक्रोश व्याप्त हो गया।

तमाम नगरवासियों ने अधिशासी अधिकारी को फोन करके शिकायतें करने लगे फिर भी कानों में जूं नहीं रहेगा। जनता की कड़ाके की ठंड में हो रही समस्या को हिंदमोर्चा ने प्रमुखता से संज्ञान लेते हुए मामले को सर्वजनिक किया तो जिम्मेदारान अधिकारियों के हाथ-पांव फूलने लगे।

क्योंकि यह जिम्मेदारान अधिकारी और कर्मचारी सरकार के मंसूबे पर पानी फेर रहे थे, जिसके कारण सरकार के कार्यशैली पर सवाल उठने शुरू हो गया। जनता की समस्या को हिंदी मोर्चा ने प्रमुखता से उठाया है। खबर का असर जिम्मेदारानों पर कितना पड़ता है अगले अंक में प्रकाशित होगा।

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