अंबेडकरनगर :नटवरलाल ठेकेदार का आया कारनामा,फर्जी सिक्योरिटी कागजातों का मामला

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अंबेडकरनगर :नटवरलाल ठेकेदार का आया कारनामा,फर्जी सिक्योरिटी कागजातों का मामला
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आधा दर्जन विभागों में फैला है कारोबार, अधिकारियों के संरक्षण में कामयाब हो रहा फर्म संचालक
नटवरलाल के कृत्य को उजागर करने से कतरा रहे हैं सम्बंधित अधिकारी,मामला प्रभाव व प्रलोभन का
अम्बेडकरनगर। जिले की निकायों समेत पीसीएफ,जिला पंचायत,खाद्य एवं रसद व मण्डी समिति आदि विभागों में एक नटवरलाल ठेकेदार द्वारा फर्जी सिक्योरिटी कागजातों के जरिये करोड़ों रूपये के निर्माण कराये जाने का मामला प्रकाश में आया है जिसे अभी तक अधिकारी संरक्षण देने में जुटे है। जबकि इसे लेकर अन्य ठेकेदारों में चर्चा का बाजार गर्म है।
ज्ञात हो कि किसी भी विभाग में निर्माण कार्यों का ठेका लेने के लिए लागत के सापेक्ष सिक्योरिटी मनी जमा कराये जाने का प्राविधान है जिसके तहत टेण्डर प्रकाशित होने के पश्चात ठेकेदार निर्धारित धनराशि को बतौर सिक्योरिटी जमाकर कार्य कराये जाने के लिए अधिकृत होते हैं। जानकारी के अनुसार इसी से जुड़ा मामला नगर पंचायत अशरफपुर किछौछा का सामने आया है। बताया जाता है कि इस नगर पंचायत समेत अकबरपुर,इल्तिफातगंज,जहांगीरगंज, राजेसुल्तानपुर, नगर पालिका अकबरपुर,टाण्डा व जलालपुर आदि में एक नटवरलाल ठेकेदार सालों से निर्माण कार्य करवाता चला आ रहा है। अभी हाल में इसके द्वारा एक ऐसा कृत्य उजागर हुआ है जिसमें वह फर्जी सिक्योरिटी के कागजात बनवाकर करोड़ों का ठेका हांसिल करने में कामयाब होता चला आया है। बताया जाता है कि यह नटवरलाल कई फर्म का संचालन कर रहा है जिसमें आधा दर्जन हिस्सेदार भी हैं। इन सभी के द्वारा अभी हाल में किसी की शिकायत पर मामला आया कि जिस सिक्योरिटी के कागजात पर इन सभी की ठेकेदारी चल रही है वह पूरी तरह से फर्जी है जो अधिशाषी अधिकारी की जांच में सच्चाई भी सामने आ चुकी है किन्तु इस मामले को पूछने पर उन्होंने हीला-हवाली करते हुए पीछा छुड़ा लिया। वहीं इस मामले को लेकर चार ठेकेदारों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यह नटवरलाल ठेकेदार अपनी गहरी पकड़ में पूरी तरह सफल हैं जिसके चलते अधिकारी कार्यवाही करने के वजाय उसे संरक्षण देने की फिराक में है। फिरहाल अभी मामला अधिकारियों तक ही रह गया है किन्तु धीरे-धीरे लोगों में चर्चा का विषय बनता जा रहा है। इस मामले की पुष्टि के लिए अपर जिलाधिकारी डॉ. सदानन्द गुप्त के सीयूजी पर सम्पर्क किया गया किन्तु स्विच ऑफ होने से उनका पक्ष नहीं जाना जा सका। (विस्तृत खबर अगले अंक में )।