अंबेडकरनगर:सरकारी अभिलेखों में मृतक दर्ज विकासखंड कटेहरी के परमानंद मिश्र को 30 साल बाद प्रशासन ने माना जिंदा, फिर दिखी फिल्म कागज की हकीकत

अंबेडकरनगर। आपने आजमगढ़ के लाल बिहारी मृतक की कहानी पढ़ी या उनकी जिंदगी पर एक साल पहले बनी फिल्म कागज देखी होगी। सरकारी कागजों में मृत घोषित कर दिए गए लाल बिहारी ने अपनी जिंदगी के 19 साल खुद को जिंदा साबित करने की लड़ाई में गुजार दिए। अब नई कहानी अंबेडकरनगर में सामने आई है परमानंद मिश्र की। 65 वर्षीय परमानंद को सरकारी कागज में जीवित होने के आनंद की अनुभूति 30 बरस बाद हुई।
प्रकरण विकासखंड कटेहरी के गांव मौरापारा का है। कहानी शुरू होती है 1992 में, जब नौ दिसंबर को फर्जी अभिलेख के सहारे ग्राम सचिव ने 35 साल के परमानंद को मृतक बता दिया। वर्ष 2004 में उनका मृत्यु प्रमाणपत्र भी जारी किया था। इसका पता तब चला, जब वर्ष 2021 में परमानंद के भतीजे देवनारायण ने परिवार रजिस्टर की नकल निकलवाई। तब से वह चाचा को जिंदा साबित करने के लिए अधिकारियों की चौखट नापते रहे। अधिकारी भी कागजी घोड़े दौड़ाकर मामले को दबाते रहे।
डीएम के निर्देश पर भी नहीं की जिंंदा होने की पुष्टि
यहां तक कि 23 दिसंबर 2021 को डीएम के निर्देश पर अकरबपुर एसडीएम ने जांच के दौरान परमानंद के जिंदा होने की पुष्टि नहीं की और मामला विकास विभाग से जुड़ा बताकर निस्तारित कर दिया। पीड़ित ने अपर आयुक्त प्रशासन अयोध्या मंडल से शिकायत की तो मामले ने तूल पकड़ा और जिलाधिकारी के निर्देश पर डीपीआरओ ने अपर जिला पंचायतराज अधिकारी जेपी सिंह से जांच कराई, जिसमें परमानंद को मृतक दर्ज करने के लिए परिवार से कोई आवेदन और सक्षम अधिकारी का आदेश भी नहीं मिला।
ग्राम सचिव के खिलाफ कार्रवाई के मांगी संस्तुति
ग्राम सचिव ने वर्ष 2004 में किसी फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र के आधार पर परमानंद को परिवार रजिस्टर में मृतक दर्ज कर प्रमाण पत्र जारी कर दिया। इसमें परमानंद की मृत्यु वर्ष 1992 में दर्शायी गई। 12 साल बाद मृतक दर्ज करने से पहले सक्षम अधिकारी का आदेश नहीं लिया। इस गड़बड़ी में एक विपक्षी को लाभ पहुंचाने के लिए करने का आरोप है। डीपीआरओ अवनीश श्रीवास्तव ने बताया कि मृतक दर्ज होने की त्रुटि में सुधार करा दिया गया है। आरोपित ग्राम सचिव के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए एडीओ पंचायत से सात दिन में संस्तुति मांगी गई है। इसके मिलते ही दोषी ग्राम सचिव पर कार्रवाई होगी। आरोपित ग्राम सचिव अभी भी कटेहरी ब्लाक के टीकमपारा गांव में तैनात है।
अपर आयुक्त (प्रशासन) अयोध्या मंडल, डीएम, डीपीआरओ, एडीपीआरओ, एडीओ पंचायत ने जांचोपरांत मृतक को जिंदा दर्ज करने का आदेश दिया। इस पर ग्राम सचिव ने गत 28 अक्टूबर को इन्हें जीवित दर्ज कर परिवार रजिस्टर की नकल जारी किया है। सरकारी अभिलेखों में मृतक दर्ज परमानंद मिश्र को आखिरकार सरकारी मशीनरी ने 30 साल बाद ही सही, जिंदा तो मान लिया।