स्कूल प्रबंधक समेत मृतक व परदेशी के नाम पर गोलपुर के प्रधान और सचिव मनरेगा से कर रहे घोटाला

अम्बेडकरनगर।जहां एक तरफ प्रदेश की योगी सरकार भ्रष्टाचार मुक्त समाज व सुशासन देने का दिन रात प्रयास कर रही है, वहीं तहसील जलालपुर क्षेत्र के ग्राम सभा गोलपुर के ग्राम प्रधान व सचिव की मिली भगत से मनरेगा में काफी फर्जीवाड़ा और जमकर घोटाला करने का मामला प्रकाश में आया है।
रणजीत सिंह जूनियर हाई स्कूल गोलपुर शेखपुरा के प्रबंधक अमरनाथ सिंह जो कि करीब 10 बीघा के काश्तकार है, पक्का मकान के साथ सर्व संपन्न हैं ,ग्राम प्रधान व सचिव की मेहरबानी इन पर जमकर लुटाई जा रही है और मनरेगा के तहत वर्ष 2022-23 में मनरेगा मजदूर दिखाकर 2190 रूपए का भुगतान किया गया है। वही उनकी पत्नी पुष्पा सिंह वह भी नरेगा से पैसा उठा रही है।
प्रमोद पुत्र राम उजागिर जो कि मुंबई रहता है, जिसका 18690 रूपए का भुगतान दिखाया गया है।मनोज पुत्र गौरी शंकर वह भी मुंबई रहता है जिसका पेमेंट 14600 रूपए दिखाया गया है। कमलाकर पुत्र रामानंद जिसके पिता सरकारी सर्विस में थे, उसके पास पक्का मकान, कार, बुलेट व बसपा के नेता है, उनके नाम पर भी भुगतान दिखाया गया है।
गांव के तमाम संपन्न व्यक्ति गांव से बाहर दूसरे प्रदेश में रहकर काम करने वाले लोग भी मनरेगा से बराबर पेमेंट उठा रहे हैं। जिसमें से काफी लोगों को पता भी नहीं है कि हमारे नाम से पैसा निकल रहा है। इतना बड़ा भ्रष्टाचार का खेल काफी दिनों से खेला जा रहा है। 2022-23 के डाटा के अनुसार गांव के नसीम अहमद पुत्र अजीज जो घर नहीं रहते, उनके नाम से 21,3 00 रूपए का भुगतान दिखाया गया है व राजेश, रमेश पुत्रगण सीताराम के नाम पर 8946 रूपए व 14910 रूपए का भुगतान दिखाया गया है।
बसंत लाल पुत्र मुन्नीलाल जो दिल्ली रहता है उसके नाम से 6390 रूपए का भुगतान दिखाया गया है।विनोद यह भी घर नहीं रहता, इसके नाम पर 14910 रूपए का भुगतान दिखाया गया है।मायाराम पुत्र जवाहर लाल जो दिल्ली रहता है, उसके नाम पर 2982 रूपए का भुगतान दिखाया गया है।सरफराज जिसकी कपड़े की दुकान है उसका 7455 रूपए का भुगतान दिखाया गया है।
इसके अलावा असगर अली का 5964 रूपए ,जमाल पुत्र इलियास का 13445 रूपए ,मोहम्मद कलाम पुत्र इलियास का 10224 रूपए का भुगतान दिखाया गया है लेकिन इन लोगों ने कभी भी मनरेगा में काम ही नहीं किया है।बलराम वर्मा पुत्र राम आसरे वर्मा जिनके घर में ट्रैक्टर 12 बीघा जमीन कार व घर में चार सरकारी नौकरी है और इनके नाम पर भी भुगतान दिखाया गया है।
बलराम खुद सिविल कांट्रेक्टर है, जिसका भी 2982 रूपए का भुगतान दिखाया गया है।राम मनोहर पुत्र श्रीपत पक्के मकान मकान के साथ बिल्डिंग ठेकेदार है, जिसका 16827 रूपए का भुगतान दिखाया गया है।चंद्रभान पुत्र रामदुलार जो ग्राम प्रधान के टेंट हाउस का प्रबंधन है, जिसका 18957 रूपए का भुगतान दिखाया गया है।संतोष पुत्र राम तीरथ जिनके पास 8 बीघा खेत, ट्रैक्टर, पक्का मकान है, इनका 10863 रूपए का भुगतान दिखाया गया है।
शैलेश पुत्र हरी लाल वर्मा जिनके पास ट्रैक्टर, पक्का मकान, और भाई रेलवे में अधिकारी है ,उसका 19596 रूपए का भुगतान दिखाया गया है।अंश पुत्र सभाजीत वर्मा जो दिल्ली रहता है जिसके पास पक्का मकान, व गाड़ी आदि भी मौजूद है, 21300 रूपए का भुगतान दिखाया गया है।अफसरी खातून पत्नी बचन जो बीमार रहती है जिसका पेमेंट 17679 रूपए का भुगतान दिखाया गया है।
अलाउद्दीन पुत्र वचन यह भी बाहर रहता है जिसका 8946 रूपए का भुगतान दिखाया गया है।श्री राम जो मृतक है, जिसका 5964 रूपए व इलियास जो कि मृतक हैं, उनके नाम से भी पैसा निकाला गया है।मायाराम पुत्र जवाहिर बाहर रहता है जिसका 1917 रूपए ,राजेंद्र पुत्र जवाहिर भी बाहर रहता है जिसका 21513 रूपए का भुगतान दिखाया गया है।ऐसे और भी तमाम लोग हैं जिसके नाम से लगातार पेमेंट उठ रहे हैं,और उनको पता भी नहीं है।
यह तो एक बानगी मात्र है,जांच करने पर तमाम चौंकाने वाली सच्चाई सामने आएगी।खास बात तो यह है कि जिस काम का पेमेंट दिखाया गया है, वह काम हुआ ही नहीं है। सिर्फ कागज में काम दिखा कर उसका भी पैसा लिया गया और मनरेगा के तहत उसकी मजदूरी भी निकाल ली गई। जांच करने पर और भी बहुत बड़ा घोटाला सामने आएंगे। नाला और तालाब की खुदाई जेसीबी से करवाते हैं और पैसा मनरेगा के तहत निकाल कर बंटवारा हो जाता है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अकेले गोलपुर गांव में ही करोड़ों का भ्रष्टाचार का खेल खेला गया है जिसमे पुराने शौचालय में चूना लगवा कर उसका भी पैसा निकाल लिया गया है। सरकारी धन का उक्त गांव में सिर्फ कुछ विशेष लोगों को निजी कार्य के लिए धन आवंटित किया गया है।