सीआरपीएफ जवान ई-रिक्शा चलाकर परिवार का भरण पोषण करने को मजबूर

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सीआरपीएफ जवान ई-रिक्शा चलाकर परिवार का भरण पोषण करने को मजबूर
अम्बेडकरनगर। सीआरपीएफ में सिपाही के पद पर कार्यरत अमरनाथ शुक्ला अब ई-रिक्शा चालक बनकर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं। सम्मनपुर थाना क्षेत्र के लेहड़ी चकिया निवासी 28 वर्षीय अमरनाथ शुक्ला पुत्र विचित्र नारायण शुक्ला ने एक मुलाकात में बताया कि वर्ष 2015 में सीआरपीएफ में इनकी नियुक्ति सिपाही के पद पर हुई थी और वे विजनौर में पोस्ट थे। फरवरी 2018 में वे घर पर आये थे और किसी काम से बसखारी जा रहे थे। रास्ते में ही इनकी बाइक एक ट्रक से लड़कर दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमें इनका बांया पैर बुरी तरह से टूटकर क्षतिग्रस्त हो गया था, काफी इलाज के बाद भी पैर अभी भी नहीं मुडता। इसके अलावा उनके बाये हाथ का अंगूठा भी कटकर अलग हो गया है। ऐसी स्थिति मे वे अपने पोस्ट पर नहीं जा सकते थे लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी, किस्मत से लड़ते हुए कुछ ना कुछ करने का जज्बा दिल में लिए रहे और किसी तरह ई रिक्शा खरीदा। अब वे अपने ई रिक्शा को चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं। तीन भाई व एक बहन में सबसे छोटे अमरनाथ शुक्ला की अभी तक शादी नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि इस दुर्घटना के बाद से अब तक उन्हें कहीं से कोई भी सहायता प्राप्त नहीं हुई है। मजबूर होकर वे अपने परिवार के जीविकोपार्जन हेतु करीब तीन साल पूर्व ई रिक्शा लेकर उसी की कमाई से परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं। शुक्ल ने बताया कि उनके विकलांग होने के बाद उन्होंने कई बार अपने विभाग से लेकर जिले के आला अफसरों तक हेतु सहायता हेतु उन्होंने अनुनय विनय किया। लेकिन आज तक कहीं से कोई सुनवाई नहीं हुई। मजबूर होकर आज वे ई-रिक्शा चला कर अपना व अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं।