Ayodhya

विश्व सामाजिक न्याय दिवस पर जन शिक्षण केन्द्र कुटियवा की गोष्ठी आयोजित

  • विश्व सामाजिक न्याय दिवस पर जन शिक्षण केन्द्र कुटियवा की गोष्ठी आयोजित

अम्बेडकरनगर। विकास खंड जलालपुर के ग्राम पंचायत सुरहुरपुर में विधिक सेवा प्राधिकरण और जन शिक्षण केंद्र कुटियवा के संयुक्त तत्वाधान में ग्रामीण महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम अंतर्गत विश्व सामाजिक न्याय दिवस पर ग्राम पंचायत सुरुहुरपुर में नारी संघ बहनां के साथ एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। परियोजना निदेशक पुष्पा पाल नें गोष्ठी के दौरान जानकारी देते हुए कहा कि हर साल 20 फरवरी को दुनियाभर में विश्व सामाजिक न्याय दिवस मनाया जाता है। इसे पहली बार साल 2009 में मनाया गया था। इसका मुख्य उद्देश व्यक्ति विशेष में बिना किसी भेदभाव और असमानता के समान अधिकार देना है। साथ ही लोगों को सामाजिक न्याय और समानता के प्रति जागरूक करना है। इसके लिए हर साल 20 फरवरी को विश्व सामाजिक न्याय दिवस मनाया जाता है। आधुनिक समय में दौरान विश्व सामाजिक न्याय दिवस का महत्व और बढ़ गया है। समाज में यह जागरूकता फैलाने की जरूरत है कि सभी एक हैं और किसी में भी कोई भेदभाव नहीं देखना चाहिए। इसके अंतर्गत लोगों को समान अधिकार देने की कोशिश की जा रही है। साथ ही समाज में व्याप्त असमानता को जड़ से समाप्त करना है। इससे समस्त समाज का एक साथ विकास होगा। सामुदायिक कार्यकर्ता रामहित नें जानकारी देते हुए बताया कि साल 2007 में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा एक प्रस्ताव पारित कर हर साल 20 फरवरी को विश्व सामाजिक न्याय दिवस मनाने की घोषणा की गई थी। इसके दो साल बाद पहली बार साल 2009 में विश्व सामाजिक न्याय दिवस मनाया गया। विश्व सामाजिक न्याय दिवस को सफल बनाने के लिए कई देश एक साथ मिलकर बेरोजगारी, गरीबी, जाति भेदभाव, लिंग और धर्म के नाम पर बंटे लोगों को एकजुट करने की कोशिश करते हैं। भारत में भी सदियों से लोगों को समान अधिकार देने का विधान रहा है। इसके लिए भारतीय संविधान में सामाजिक असमानता को खत्म करने के लिए कई प्रावधान हैं। परियोजना समन्वयक राम स्वरुप नारी संघ अगुवा बहनों में बदामा रेखा,गीता,मिथलेश चमन, रंजना,डिम्पल,रेनू, उर्वशी आदि नारी संघ की बहनें मौजूद रही।

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