विख. भियांव की ग्राम पंचायतों के विकास कार्यो में भ्रष्टाचार उजागर कर रहा आनलॉइन भुगतान

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कागजी खेल में मालामाल गाँवों के प्रधान और सचिव, धरातल पर नहीं दिख रहा कार्य
(ओंकार शर्मा)
अंबेडकरनगर। ग्राम पंचायतों में सरकारी योजनाओं में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है। मुख्यमंत्री की जीरो टॉलरेंस का दावा हवा हवाई हो गया है। विकास के नाम पर इंडिया हैडपंप मरम्मत और रिवोर, मच्छर भगाने के लिए चूना और ब्लीचिंग पावडर की खरीदारी और फागिंग, सफाई किट, पेयजल,पानी आपूर्ति, स्ट्रीट लाइट कूप मरम्मत आदि के नाम पर लूट मची है। यह हम नहीं अपितु ऑनलाइन भुगतान का रिकॉर्ड इसकी गवाही दे रहा है। फर्जी और एआई जनरेटेड फोटो भ्रष्टाचार में सहायक हो रहा है। यह हाल है भियांव ब्लॉक के कुल 83 ग्राम पंचायतें में जिनमें कुछ ग्राम पंचायतों में किए गए भ्रष्टाचार का ब्यौरा प्रकाशित किया जा रहा है।
ग्राम पंचायत रतना
ग्राम पंचायत रतना भियांव ब्लॉक की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत है। यह लगभग 14 मजरों में बंटा हुआ है। इतनी बड़ी पंचायत का तमगा मिलने के बाद यहां प्रत्येक योजनाओं में भ्रष्टाचार की बू आ रही है।
हैंडपंप रिबोर और मरम्मत
इंडिया हैडपंप मरम्मत और रिवोर में सबसे बड़ा खेल किया जा रहा है। बगैर हैंडपंप रिबोर और मरम्मत के लाखों रुपए फर्जी तौर पर निकाले जा रहे हैं। 2024-2025 में लगभग 1 लाख 85 हजार रुपए,2023-2024 में 3लाख 95 हजार रुपए,2022- 2023 में 2 लाख 77 हजार रुपए 2021- 2022 में 4 लाख 67 हजार रुपए की धनराशि निकाली गई है। खास बात यह है कि यह हैंडपंप कहा लगा है इसकी जानकारी अपलोड नहीं की गई है। इस पर चार वर्ष में ग्राम प्रधान ने सचिव और अधिकारियों की मिलीभगत से लगभग 13 लाख 24 हजार रुपए का फर्जी भुगतान किया गया है।कुछ हैडपंप ऐसी भी है जिनका ब्यौरा अपलोड किया गया है। इससे निकलने वाली पाइप समेत अन्य सामान कहां रखा गया है कोई जिम्मेदार बताने को तैयार नहीं है।
कूप मरम्मत
कूप मरम्मत के नाम पर सरकारी धनराशि का गमन किया गया है। मरम्मत के नाम पर 3 लाख 32 हजार रुपए निकाले गए हैं। जबकि जमीनी हकीकत इससे उल्ट है।
चूना ब्लीचिंग और फागिंग
कुछ राष्ट्रीय कार्यक्रम को छोड़ दिया जाय तो ग्राम पंचायत में कभी चुना ब्लीचिंग का छिड़काव नहीं किया गया है। सड़क पर मशीन खड़ा कर धुवां उड़ाकर उसकी फोटो खींचकर फागिंग हो गई और दो लाख 14 हजार रुपए का भुगतान लिया गया।
ग्राम पंचायत गौरी बड़ाह
हैंडपंप रिबोर और मरम्मत के नाम पर वर्ष 2024-2025 में लगभग 4 लाख 30 रुपए,2023-2024 में 2 लाख 62 हजार रुपए,2022-2023 में 2 लाख 11 हजार रुपए,2021-2022 में 2 लाख 72 हजार रुपए कुल मिलाकर चार वर्ष में 11 लाख 75 हजार रुपए धनराशि निकाली गई है।
चूना ब्लीचिंग
चुना ब्लीचिंग छिड़काव और फागिंग अवैध कमाई का जरिया बन गया है। यहां 3 लाख 17 हजार रुपए निकल चुके है। पेयजल के नाम पर 1 लाख 5 हजार रुपए की निकासी की गई है। यह कौन सी योजना है कोई जिम्मेदार बताने को तैयार नहीं है। गांव में अंधेरा रहता है किंतु स्ट्रीट लाइट के नाम पर एक लाख 93 हजार रुपए निकल गया।
ग्राम पंचायत चकिया
यहां भी स्ट्रीट लाइट के नाम पर 1 लाख 97 हजार, हैंडपंप मरम्मत और रिवोर वर्ष 2024-2025 में 1 लाख 42 हजार,2023-2024 में 2 लाख 80 हजार रुपए,2022-2023 में 2 लाख 49 हजार 2021-2022 में 2 लाख 5 हजार रुपए कुल मिलाकर 8 लाख 76 हजार रुपए की धनराशि निकाली गई है।
चूना ब्लीचिंग फागिंग, सोकपिट और कूप मरम्मत
उक्त योजना प्रधान और सचिव के लिए सबसे मुफीद रहा। चार वर्ष में बगैर फागिंग चुना ब्लीचिंग छिड़काव के लगभग 52 हजार रुपए, पेयजल के नाम पर 45 हजार और कूप मरम्मत में 49 हजार रुपए का भुगतान किया गया है। यहां सोकपिट निर्माण पर 1 लाख 19 हजार रुपए का भुगतान किया गया है। उक्त गांव के दर्जनों ग्रामीणों से उक्त योजनाओं के बारे में जानकारी ली गई तो सभी ने नाम नहीं प्रकाशित की शर्त पर बताया कि जमीनी हकीकत अलग है। उक्त योजनाएं ही अवैध कमाई का जरिया बन गया है।