Ayodhya

वरासत दर्ज करने में कोर्ट के आदेश को धता बता रहे लेखपाल व कानूनगो

  • वरासत दर्ज करने में कोर्ट के आदेश को धता बता रहे लेखपाल व कानूनगो

जलालपुर,अंबेडकरनगर। न्यायालय के आदेश को धता बताते हुए लेखपाल और कानूनगो की मिली भगत से आदेशित पक्ष में वरासत न दर्ज करने का मामला प्रकाश में आया है। मामला जलालपुर तहसील क्षेत्र के ग्राम रामगढ़ (अंगारघाट) निवासी संजय कुमार का है। संजय ने बताया की मेरी दादी लखराजी के नाम लगभग छः बीघा खतौनी दर्ज थी जिसे अपने जीते जी मेरे नाम रजिस्टर्ड वसीयत दर्ज कर दिया था। लखराजी के मृत्योपरांत वसीयत के लिए न्यायालय में वाद दायर किया था। न्यायालय ने वसीयतनामा के आधार पर आदेशित करते हुए खाता संख्या 670, 921 से मृतक लखराजी पत्नी स्वर्गीय राजदेव निवासी ग्राम रामगढ़ परगना सुरूहुरपुर तहसील जलालपुर का नाम निरस्त करके वसीयत ग्रहता संजय कुमार पुत्र बाबूराम निवासी ग्राम रामगढ़ (अंगारघाट) तहसील जलालपुर के नाम पंजीकृत वसीयत 30 सितम्बर 2020 को विलेख संख्या 240 के आधार आदेशित कर दिया था। पीड़ित संजय के अनुसार साक्ष्य के रूप में वसीयतनामा, नकल खतौनी, मृत्यु प्रमाण पत्र सहित अन्य कागजात प्रस्तुत किये गये थे। न्यायालय में गवाह के तौर पर क्षेत्रीय लेखपाल मुरलीधर राजभर, अन्य गवाह सूर्यपाल सिंह निवासी गोपरी चांदपुर द्वारा किये गये बयान भी पंजीकृत कर वसीयतनामा की पुष्टि की गयी थी। इसके बावजूद भी क्षेत्रीय लेखपाल और कानूनगो की मिली भगत से पीड़ित के वसीयतनामा के आधार पर वसीयत न करते हुए घर के अन्य सदस्यों के नाम वरासत दर्ज कर दिया गया। मामले की जानकारी होने पर वादी सुरेंद्र ने नायब तहसीलदार को लिखित शिकायती पत्र देते हुए जांच कर वसीयतनामें के आधार पर वसीयत करने तथा न्यायालय के आदेश की अवमानना की कार्यवाही करते हुए क्षेत्रीय लेखपाल मुरलीधर राजभर और राजस्व निरीक्षक पर विधिक कार्यवाही की मांग की है। इस संबंध में जब उप जिलाधिकारी से बात कर उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो उनका फोन नहीं रिसीव हुआ जबकि तहसीलदार द्वारा इस मामले से अभिज्ञता जताई गई।

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