रेलवे विजिलेंस की छापेमारी में सीआईटी एवं टीसी रंगे हाथ गिरफ्तार,रिश्वत की नोट फेंकते टीटीई फरार

-
रेलवे विजिलेंस की छापेमारी में सीआईटी एवं टीसी रंगे हाथ गिरफ्तार,रिश्वत की नोट फेंकते टीटीई फरार
-
दिल्ली-प्रतापगढ़ स्टेशन मार्ग की ट्रेनों में इन लोगों की सालों से चली आ रही है दबंगई व घूसखोरी
-
मामले में सभी आरोपियों के बचाव में यूनियन के नेताओं को जुट जाने की लखनऊ मण्डल में चर्चा
लखनऊ। उत्तर रेलवे मंडल में तमाम शिकायतों के बावजूद अधिकारारियों के भ्रष्टाचार व उनकी मनमानी पर अंकुश नहीं लग पा रहा है जिसका मुख्य कारण यूनियन के नेताओं के कृत्य बताये जा रहे है। एक चर्चित सीआईटी जिसे यूनियन से जुड़ा होने की चर्चा है और उसका काला कारनामा भी सामने आया है। मामले में रेल प्रशासन पूरी तरह चुप्पी साधे है।
गत दिनों उस समय रेल विभाग में हङकंप मच गया जब 14208-पदमावत एक्सप्रेस जो दिल्ली से प्रतापगढ़ आती है,में विजिलेंस टीम ने दिल्ली से पीछा करते हुए प्रतापगढ स्टेशन पर चर्चित सीआईटी अब्दुल रशीद एवं कथित टीसी को रंगे हाथ दबोच लिया और गैंग का सरगना राकेश गुप्ता जो इसका मुख्य कर्ताधर्ता एवं स्टेशन पर तैनात सीआईटी का चहेता है भाग निकला।
अब यूनियनों के तथा कथित नेता बचाने के लिए दौङ भाग कर रहे हैं। सूत्रों से पता चला है कि अब्दुल रसीद एवं राकेश गुप्ता ये विगत कई वर्षो से लूट मचाये हुए थे और प्रति ट्रेन 15 से 20 हजार की अवैध कमाई करते रहे।
राकेश कुमार गुप्ता जो टीटीई के पद पर तैनात हैं यह रायबरेली में रहता है और कभी भी ये ट्रेन प्रतापगढ़ से नहीं करता प्रतिदिन ट्रेन को रायबरेली से करता है और सबसे मजे की बात तो ये है कि रहता रायबरेली में है और एचआरए एवं सीसीए लेता प्रतापगढ़ से है लेकिन आज तक विजिलेंस से लेकर मंडल का कोई भी अधिकारी जांच करना मुनासिब नहीं समझा क्योंकि विजिलेंस को भी चाहिए सुविधा शुल्क।
इस संबंध में जब संवाददाता ने प्रतापगढ़ के सीआईटी राकेश कुमार सिंह से जानकारी चाही तो उन्होंने मोबाइल कॉल रिसीव नहीं किया। इस संबंध में भुक्तभोगी टीसी जितेन्द्र यादव से जानकारी चाही तो उन्होंने बताया कि मैं शादी में व्यस्त हूं टीटीई ने कई चौकाने वाला खुलासा किया। बताया कि उसके पास से जो 5 हजार रुपये मिले हैं वह मेरा नहीं है वह पैसा हेड टीटीई राकेश गुप्ता के हैं जो रायबरेली में ही भाग निकला।
सीआईटी अब्दुल रसीद से संपर्क करें लेकिन अब्दुल रसीद ने फोन को आफ कर दिया। सूत्र ने बताया कि जितेन्द्र यादव टीसी के पद पर स्टेशन पर तैनात है और उसको फंसाने का सारा कार्य राकेश गुप्ता द्वारा किया गया है। इसके अलावा एक और चर्चित सीआईटी जिसका नाम मोहम्मद शफीक जिसे एक माफिया के खास होने की चर्चा है। रायबरेली में ही ट्रेन छोङकर चले जाते हैं ये इतने दबंग हैं और एक यूनियनों के खास कमाऊपूत भी बताये जाते हैं। मंडल के नेता जुट गये है बचाने में।
जबकि इनकी डियूटी प्रतापगढ़ जंक्शन तक होती है। चर्चा तो यहां तक है कि इन लोगों की दबंगई मंडल रेल प्रबंधक तक को है लेकिन ये अधिकारी यूनियनों के भय से मूक दर्शक बने हुए हैं। सूत्र बताते हैं कि जब विजिलेंस ने छापा मारा तो 50 हजार रुपये को इन दबंग टीटीई ने रास्ते में ही फेंकना शुरु कर दिया जिसमें कुछ तो विजिलेंस वाले को इकट्ठा करके जमा करना पड़ा इसलिए कि मामला आम जनता के सामने से जुङा था। बाकी पैसा गायब हो गया।
बताया जाता है कि जितने दबंग किस्म के चेकिंग स्टाफ लगे हैं। सब प्रतापगढ़ के ही निवासी हैं और खुलेआम दबंगई करते हैं। सूत्र ने बताया कि जिस समय प्लेट फार्म-1 पर विजिलेंस दौङाई तो चर्चित सीआईटी अब्दुल रसीद निवासी पूरे पितई चुंगी कोतवाली नगर सबूत मिटाने के लिए नोटों की गड्डियां फेंकना शुरू कर दिया हालांकि विजिलेंस टीम द्वारा रिपोर्ट को मुख्यालय प्रेषित कर दिये है। सूत्र ने बताया कि राकेश गुप्ता एवं मोहम्मद शरीफ टीटीई करोङों का मकान विभिन्न स्थानों पर बना चुके हैं। दूसरी तरफ एक नेता मंडल के अधिकारी से पैरवी करने में लग गये हैं और मामला रफा-दफा होने की प्रबल संभावना है।