मोक्षदायिनी सरयू नदी में प्रवाहित गंदे पानी को प्रशासन से रोक लगाये जाने की मांग

टांडा,अंबेडकरनगर। मोक्षदायिनी सरयू नदी की दशा ठीक नहीं है टांडा नगर पालिका क्षेत्र के घाटों पर आचमन करने में भी श्रद्धालुओं को हिचकिचाहट होने लगी है। नदी में बढ़ते प्रदूषण से जल में तैरने वाले जीव जन्तुओं के साथ ही आम जनजीवन के स्वास्थ्य को खतरा उत्पन्न हो गया है। प्रशासन की बेरुखी से इस ओर कोई सार्थक पहल नहीं हो रही है। टांडा नगर के नागरिकों ने सरयू नदी को प्रदूषण मुक्त करने की मांग की है। टांडा की पहचान कपड़ा उद्योग के चलते बनी है, लेकिन इस उद्योग का सीधा असर सरयू नदी पर पड़ रहा है। धागे की रंगाई के लिए इस्तेमाल हो रहे कलर केमिकल्स रंगाई केन्द्र से निकल कर नगर के मुख्य नालों से होते हुए सरयू नदी में जाकर बहता है। कपड़ा उद्योग से जुड़े रासायनिक पदार्थों के अलावा अन्य कूड़े-कचरे भी नदी में ही जाने से सरयू नदी की पवित्रता लगातार प्रभावित हो रही है। टांडा नगर पालिका क्षेत्र में कुल 9 मुख्य नाले है जिनमें 6 नाले टांडा नगर में है तथा 3 नाले टांडा के जुड़वा कस्बे मुबारकपुर में है जो इन नालो का पानी डायरेक्ट सरयू नदी में जाकर मिलता है जिससे नदी की पवित्रता भंग हो रही है और नदी में प्रदूषण बढ रहा है। टाण्डा नगर के प्रसिद्ध स्थल हनुमानगढ़ी तथा राजघाट पर पूर्णिमा का मेला, छठ पूजा, खिचड़ी पर मेला, नागपंचमी, सावन मेला, नवसंवत्सर मेला, बुढवा मंगल मेला समेत वर्ष भर धार्मिक अनुष्ठान चलते हैं। इन स्थानों पर पूजा एवं स्नान के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं द्वारा डुबकी लगाई जाती है। धर्मग्रन्थों में सरयू नदी के निकट के क्षेत्र को सूर्य उपासकों का गढ़ माना गया है। नदी में जब तक जलस्तर बढ़ा रहता है तब तक गंदगी नहीं दिखाई पड़ती, लेकिन जलस्तर घटने के साथ पानी के ऊपर गंदगी दिखती है। पानी के विषैले होने से जीव-जंतुओं के साथ आम आदमी के स्वास्थ्य पर घातक प्रभाव पड़ रहा है।सरयू नदी में लगातार बढ़ रही गंदगी को रोकने के प्रति प्रशासन की बेरुखी पर नागरिकों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। केंद्रीय दुर्गा पूजा महासमिति के पूर्व महामंत्री देवी प्रसाद अग्रहरि एवं दधिकांधव महोत्सव के महामंत्री शंभूनाथ शर्मा ने कहा है कि यदि प्रदूषण की रोकथाम नहीं की गयी तो निकट भविष्य में जन जागरण अभियान छेड़ा जाएगा। नागेश्वरनाथ महादेव सेवा समिति टांडा के आनन्द कुमार सिंधी, कृष्ण कुमार सोनी, सतीश कुमार वर्मा, अशोक कुमार गुप्ता ने पानी के नमूने की जांच कराने तथा सरयू को प्रदूषण मुक्त कराने की मांग की है। सामाजिक कार्यकर्ता दिनेश नारायण सिंह ने कहाकि नदी से लोगों की धार्मिक भावनाएं जुड़ी हुई हैं। इसके बावजूद नगरपालिका प्रशासन का इस तरफ ध्यान न देना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है नालो का पानी शोधन करने के बाद तब नदी में डाला जाय। टांडा एसडीएम डा.शशिशेखर ने बताया कि वे शीघ्र ही नगर पालिका परिषद अधिकारियों के साथ इस मामले में बैठक करेंगे। इसके बाद आवश्यक उपायों को लागू किया जाएगा।