मुख्यमंत्री जी, जिले के बेलगाम विद्युत विभाग के अफसर किसानों के लिए बन गए हैं मुसीबत

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मुख्यमंत्री जी, जिले के बेलगाम विद्युत विभाग के अफसर किसानों के लिए बन गए हैं मुसीबत
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ट्यूबवेल कनेक्शनों में तानाशाही का किसान लग रहे हैं आरोप
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जेई लेकर अधिशासी अभियंता व अधीक्षण अभियंता से संपर्क करने में नहीं उठता उनके फोन
अंबेडकर नगर | जब से दिल्ली में भाजपा की सरकार बनी है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अन्नदाता की आय दुगुनी करने के लिए संघर्षरत है | इस दिशा में देश के प्रधानमंत्री मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार प्रयासरत है | धान के इस मौसम में बरसात न होने के कारण किसानों को अपनी फसल को बचाने के लिए पानी की आवश्यकता है |
इसलिए कई किसानों द्वारा विद्युत विभाग से तीन हॉर्स पावर का कनेक्शन लेने के लिए प्रयासरत है | 6 महीने पहले तक विद्युत की उपलब्धता से किसान के बोरिंग स्थल से 80 मीटर तक कनेक्शन हो जाया करते थे | विगत कुछ दिनों पूर्व यह बताया गया कि 80 मीटर के स्थान पर अब 40 मीटर की दूरी ही मान्य है |
40 मीटर को आधार मानकर जब अन्नदाताओं ने आवेदन करना शुरू किया तो अब जूनियर इंजीनियर द्वारा जाकर यह बताया जा रहा है कि ट्रांसफार्मर में चाहे जितनी भी जगह बाकी हो लेकिन जिन ट्रांसफार्मर से एक भी लाइट कनेक्शन हो चुका है वहां पर अब नलकूप का कनेक्शन लेने के लिए ट्रांसफार्मर सहित पोल व अन्य उपकरणों का पैसा देना होगा | अब यहां सवाल उठना लाजिमी हो जाता है कि अन्नदाता पहले से ही दीन-हीन हालत में जीवन यापन करने के लिए मजबूर है फिर वह दो से तीन लाख रुपया देकर आखिर कैसे विद्युत का कनेक्शन ले पाएगा ? |
मजबूरी में जीवन यापन करने के लिए रात्रि में अपने प्राणों की बाजी लगाकर अन्नदाता को विद्युत की चोरी करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है | ऐसे में कई बार सर्प दंश विद्युत आघात सहित उनको अनचाहिक मौत का शिकार बनना पड़ता है | मुख्यमंत्री जी दुखद बात तो यह है कि आप से मुलाकात हो जाती है लेकिन विद्युत विभाग के जूनियर इंजीनियर, अधिशासी अभियंता व अधीक्षण अभियंता सहित किसी भी महानुभाव का न तो टेलीफोन उठना है और न ही मुलाकात हो पाती है |
ऐसे में जनता विद्युत विभाग के कारनामों से रो रही है और स्वयं को किसान होने पर अपने आप को कोस रही है |अब देखना है कि सूबे के जनप्रिय मुख्यमंत्री अन्नदाता की समस्याओं की तरफ ध्यान देकर विद्युत विभाग के बेलगाम अधिकारी और कर्मचारियों पर अंकुश लगाकर उनके जख्मों पर मरहम लगाएंगे और किसान हितैषी होने के अपने वादे पर खरे उतर कर जनता को यह एहसास दिलाएंगे कि प्रदेश के मुख्यमंत्री कहने में नहीं करने में विश्वास करते हैं |