महिलाओं ने हर्षोल्लाष के साथ सूर्य भगवान को अर्घ्य देकर की छठ पूजा

-
महिलाओं ने हर्षोल्लाष के साथ सूर्य भगवान को अर्घ्य देकर की छठ पूजा
सुरक्षा व्यवस्था में पूजा स्थलों पर तैनात रहे पुलिस कर्मी
जलालपुर, अम्बेडकरनगर। पालिका क्षेत्र के पक्के घाट स्थित शिवाला मंदिर पर छठ पूजा बडे़ धूमधाम से मनाया गया जिसमे भारी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया। अपने संतानों की मंगल कामना तथा भाग्य उदय हेतु महिलाओं द्वारा रखे जाने वाले इस चार दिवसीय महापर्व के तीसरे दिन डूबते हुए सूरज को अर्घ्य दिया जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पर्व मनाया जाता है लेकिन इसमें दो दिन पहले यानी चतुर्थी तिथि को नहाए खाए कि साथ छठ पूजा की शुरुआत हो जाती है छठ का पहला अर्घ्य षष्ठी तिथि को दिया जाता है यह अर्घ्य आस्ताचल गामी सूर्य को दिया जाता है।
जल में दूध डालकर सूरज की अंतिम किरण को अर्घ्य दिया जाता है, माना जाता है कि सूर्य की एक पत्नी का नाम प्रत्यूष है और यह अर्घ्य उन्हीं को दिया जाता है। अर्घ्य देने के लिए एक लोटे में जल लेकर उसमें कुछ बूंद कच्चा दूध मिला कर इसी पात्र में लाल चंदन, चावल ,लाल फूल और कुश डालकर प्रसन्न मन से सूर्य की ओर मुख करके कलश के साथ सूर्य मंत्र का जाप करते हुए जल की धारा धीरे-धीरे प्रवाहित कर भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर पुष्पांजलि अर्पित किया जाता है। इसके अगले दिन भोर में उषा अर्घ्य देकर पारण करते हुए व्रत का समापन होता है।
छठ पूजा घाट पर संध्या अर्घ्य हेतु उमड़ी महिलाओं की भारी भीड़ के बीच छठ महापर्व के सकुशल निपटान हेतु प्रशासन व पुलिसकर्मियों के साथ-साथ स्वयंसेवकों व छठ पूजा समिति के कार्यकर्ताओं द्वारा लगातार प्रयास किया जाता रहा। इस अवसर पर लखनऊ, प्रयागराज, अयोध्या, प्रतापगढ़ की सांस्कृतिक टीमों द्वारा छठ पूजा के महापर्व में मनमोहक झांकी व कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी जाती रही । इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष त्रयंबक तिवारी, भाजयुमो के प्रदेश महामंत्री हर्षवर्धन सिंह, भाजपा सोशल मीडिया उत्तर प्रदेश संयोजक अंकित सिंह चंदेल, सहित विशिष्ठ अतिथि रामप्रकाश पांडे सहित अन्य विशिष्ठ अतिथि शामिल हुए। सुरक्षा के मद्देनजर घाट पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही जिसमें उपजिलाधिकारी सुभाष सिंह, क्षेत्राधिकारी देवेंद्र कुमार मौर्य, कोतवाल दर्शन यादव समेत काफी संख्या में महिला व पुरुष कर्मी मुस्तैद रहे।