भियांव दरगाह में हुआ अजमते वालदैन कांफ्रेंस का आयोजन

जलालपुर,अंबेडकरनगर। भियांव दरगाह पर मंगलवार की रात अजमते वालदैन कांफ्रेंस का आयोजन हुआ। जिस में शायरों ने जहां मां बाप व उन की अजमत के कसीदे पढ़े तो वहीं उलेमाओं ने अपनी तकरीर में मां बाप के दर्जे व उन के हकहकूक पर नसीहत दी। हाफिज मेराज अहमद की तिलावत कलाम पाक, जामा मस्जिद भियांव के पेश इमाम मौलाना गुलाम यासीन की सदारत व शाहिद अब्बास जलालपुरी की निजामत में शुरू हुई.
कांफ्रेंस के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त मौलाना मुफ्ती शाहनवाज आलम मिस्बाही ने कहा की जिन औलाद से उस के मां बाप खुश हैं अल्लाह भी उस से खुश है। दुनिया के सब से खुशकिस्मत लोग वो हैं जिन के सरों पर उन के मां बाप का साया है। मशहूर आलिमेदीन मौलाना हबीबुर्रहमान नूरी ने कहा कि कुरआन का फरमान है कि अपने मां बाप को उफ्फ तक न कहो न ही उन्हें झिड़को।
उन्होंने कहा घर का सब से गुलजार कोना या कमरा वो है जिसमें मां रहती है। मौलाना नूर आलम मिस्बाही,मौलाना अफरोज,मौलाना निसार व मौलाना अब्दुल कयूम,सैयद मंजूम आकिब ने भी वालदैन की अजमत बयान की और कहा कि मां के पैरों के नीचे जन्नत है तो बाप जन्नत का दरवाजा है।
इस बीच मशूहर शायर सेराज अजहर, सफात हुसैन,हाफिज शाहआलम, हाफिज साजिद,महफूज आलम ने नात व मनकबत के शेर पढ़ कर खूब वाहवाही लूटी। मास्टर मो.राशिद की सरपरस्ती में हुए कार्यक्रम में महशर फैजाबादी, यासिर हयात ,बदरे आलम मुन्ना,सूफी सरफराज अहमद,शाहनवाज रजा,सुहैल अहमद समेत अन्य मौजूद रहे। अंत मे कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मौलाना गुलाम यासीन की खास दुवाओं के साथ कान्फ्रेंस का समापन हुआ।