भियांव के सूफी संत हजरत सैयद मीरा मसूद की दरगाह पर तीन दिवसीय उर्स 11 से शुरू

भियांव के सूफी संत हजरत सैयद मीरा मसूद की दरगाह पर तीन दिवसीय उर्स 11 से शुरू
उर्स की तैयारी जोरों पर, कमेटी के पदाधिकारियों को सौंपी जिम्मेदारी
जलालपुर, अंबेडकरनगर। शांति एवं सौहार्द की प्रतीक सूफी संत हजरत सैयद मीरा मसूद हमदानी की भियांव स्थित दरगाह का तीन दिवसीय वार्षिक उर्स आगामी 11 अगस्त से शुरू होगा इस के लिए तैयारियां जोरों पर है दरगाह कमेटी ने तैयारी बैठक कर व्यवस्था को और बेहतर बनाने का संकल्प व्यक्त किया है।
भियांव शरीफ दरगाह पर आयोजित होने वाले तीन दिवसीय उर्स में देश के कोने कोने से भारी संख्या में अनेक भाषाओं और धर्मों के श्रद्धालुओं का जमावड़ा होता है मोहर्रम की दसवीं के बाद से ही उर्स की रौनक दरगाह पर दिखाई देने लगती है उर्स के मद्देनजर कमेटी के अध्यक्ष हाजी मो. कलीम सिद्दीकी की अध्यक्षता में मंगलवार को एक तैयारी बैठक हुई जिस में पदाधिकारियो व सदस्यों समेत तमाम जिम्मेदार लोगों ने हिस्सा लिया इस दौरान जायरीनों की सुरक्षा, आवासीय व्यवस्था, पेयजल,प्रकाश जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए संबंधित लोगों को जिम्मेदारी सौंपी गयी और निर्णय लिया गया कि बेहतर सुविधा हेतु शासन प्रसाशन की मदद ली जायेगी। बैठक में प्रमुख रूप से कमेटी के उपाध्यक्ष मो. मोअज्जम, गौस आलम, मो.आरिफ, हाफिज बेलाल, मो. सारिफ,जुनेद अहमद, सगीर अहमद,इसरार अहमद,मो. अहमद,अनवार,मो. कैफ समेत अन्य मौजूद रहे।
परचम कुशाई के साथ होगा उर्स का आगाज
भियांव दरगाह के तीन दिनी उर्स का आगाज परचम कुशाई के साथ 23 मुहर्रम यानी 11 अगस्त से हो जायेगा। और पहले दिन सुबह कुरआन ख्वानी और रात में आस्ताने पर तकरीरी व नातिया कार्यक्रम होगा जिस में मशहूर उलमाए दीन की तकरीर के साथ ही नामचीन शायरों का भी जमावड़ा होगा।
उर्स के दूसरे और सब से खास दिन 12 अगस्त को प्रातः 11 बजे दरगाह की मजार खास समेत अन्य तमाम मजारात का केवड़ा व गुलाबजल से गुस्ल शरीफ किया जायेगा और दोपहर जोहर की नमाज के बाद 2 बजे से गांव के मध्य स्थित बमुकाम लहदखाना से संदल,चादर व गागर का भव्य जुलूस निकलेगा जिस में सज्जादा नशीन सैयद शमीम अहमद चिश्ती प्राचीन ख़िरका धारण करेंगे इसी दिन कुल शरीफ के बाद रात में आस्ताने आलिया पर महफिले समां यानी कौवाली का कार्यक्रम होगा जो पूरी रात तक चलेगा। उर्स शरीफ के अंतिम दिन 13 अगस्त को दिन में तबर्रुकात तकसीम और रात में महफिले समां व खास दुवाओं के साथ उर्स का समापन होगा।