Ayodhya

बारूद की ढेर पर किछौछा दरगाह गहरी नींद में सो रहे जिम्मेदारान क्या किसी बड़ी घटना का हो रहा इंतजार

👉नगर के दरगाह क्षेत्र में धड़ल्ले से चल रहा अवैध गैस रिफलिंग का कारोबार
👉घनी आबादी के बीच अवैध गैस रिफरिंग का हो रहा अवैध धंधा
👉घरेलू सिलेंडरों से हो रहा गैस रिपेयरिंग का अवैध व्यवसाय
👉स्थानीय प्रशासन धृतराष्ट्र बन सब कुछ अपनी नंगी आंखों से देख रही

टांडा अंबेडकर नगर। नगर पंचायत अशरफपुर किछौछा में प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी सालाना उर्स का आयोजन चल रहा है जिसमें भारी संख्या में देश के कोने-कोने से जायरीनों का जमावडा होता है। इस दौरान पूरा दरगाह का क्षेत्र श्रद्धालुओं के भीड़ से खचाखच भरा होता है वाहनों की भी तादाद बहुत बड़ी संख्या में होती है किछौछा क्षेत्र तक चार पहिया से लेकर बस तमाम प्रकार की बड़ी गाड़ियों का ठहरा होता है।

बड़ी तादाद में किराए के मकानों में कमरा और अस्थाई किराए कैंप में भी लोगों का ठहरा होता है जहां लोग कई कई दिनों तक महीनों तक या फिर रूहानी इलाज के लिए एक वर्ष या उससे अधिक समय तक भी ठहरते हैं जिसमें किराए पर मकान चलाने वाले मकान मालिकों की चांदी ही चांदी होती है क्योंकि मनमाना किराया और वसूला जाता है और सोने पर सुहागा तब हो जाता है जब उर्स का मेला आता है तो कमरों का किराया कई गुना बढ़ जाता है।

यहां सबसे मुख्य बिंदु निकलकर आता है कि भोजन बनाने के लिए एलपीजी सिलेंडरों की आवश्यकता होती है किराएदार 5 लीटर 10 लीटर 2 लीटर के सिलेंडर कमरों में रखते हैं खाना बनाने के लिए और इन सिलेंडरों में गैस भरने वाले दरगाह क्षेत्र के अंतर्गत लगभग हर चौथी से पांचवी दुकान में एलपीजी सिलेंडर से गैस भरने का अवैध कारोबार वर्षों से धड़ल्ले से खुलेआम चल रहा है.

जिस पर नकेल कसपाना आज तक स्थानीय प्रशासन के बस की बात नही रही है या फिर उच्चाधिकारियों को इस बात से कोई लेना-देना नहीं।

चाय की दुकान से लेकर होटल तक किराने की दुकान तक सब जगह एलपीजी सिलेंडर का इस्तेमाल होते देखा जा सकता है और हर चौथे से पांचवें दुकान पर गैस भरता दुकानदार और सिलेंडर में गैस भरवाता किराएदार जरीन नजर आएगा किंतु यहां सबसे बड़ी बात और सबसे बड़ा सवाल लोगों की जिंदगी की सुरक्षा का है.

गैस रिफिलिंग के अवैध कारोबार को आखिरकार बढ़ावा कौन दे रहा है किसके संरक्षण में यह अवैध व्यापार फल फूल रहा है घरेलू सिलेंडरों से अवैध कमाई की जा रही है जिस पर नकेल कसने वाला कोई नजर नहीं आ रहा है जो कि एक बहुत बड़ा और विषम परिस्थितियों को दावत देता हुआ नजर आ रहा है।

क्या स्थानीय प्रशासन या जिले के जिम्मेदारान अधिकारी या फिर नगर पंचायत के जिम्मेदारान इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि कोई बड़ी अप्रिय घटना हो तभी अपनी गहरी निद्रा से जागेंगे। इतनी भीड़ भाड़ वाले इलाके में गैस रिफिलिंग का अवैध कारोबार इतनी तेजी से चल रहा है जो कभी भी किसी भी बड़ी घटना को अंजाम दे सकता है.

और मजे की बात है कि लोकल इंटेलिजेंस भी इस बात से पूरी तरह ज्ञान नजर आता है या होने का नाटक करता है। आप कल्पना कर सकते हैं यदि एलपीजी सिलेंडर से अवैध कारोबार करने वाले किसी भी अवैध कारोबारी की दुकान पर आगजनी जैसा गैस रिफिलिंग के दौरान लीकेज या सिलेंडर फटने जैसी घटना हो जाए तो कल्पना कीजिए कितनी बड़ी तादाद में अपरा तफरी का माहौल बनेगा कितने लोग घायल होंगे और दृश्य क्या होगा.

यदि समय रहते विभाग नहीं जागा स्थानीय प्रशासन नहीं जागी नगर पंचायत के जिम्मेदारान नहीं जाएंगे या फिर जिले के जिम्मेदारान अधिकारी नहीं अपनी घोर निद्रा से जगेंगे तो ऐसी घटना को दावत देने वाले गैस रिफलिंग के अवैध कारोबारी कभी भी किसी बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं।

क्योंकि सुरक्षा के नाम पर कुछ भी नहीं नजर आता। सूत्र बताते हैं कि इन अवैध गैस रिफलिंग करने वाले कारोबारियों को संरक्षण प्राप्त है जिसमें सरकारी महकमें के मुलाजिम शामिल है जिनके संरक्षण में यह कारोबार दिन के दिन फलता फूलता जा रहा है और इस तरफ किसी की नजर भी नहीं पड़ रही है जो की जायरीनों के लिए,स्थानीय लोगों के लिए और किराएदारों के लिए कहीं ना कहीं मौत का सबब भी बना हुआ है।

आखिरकार दरगाह के क्षेत्र में इस अवैध गैस रिफिलिंग के कारोबार पर नकेल क्यों नहीं कसा जा रहा है आखिर वह कौन लोग हैं जो संरक्षण दे रहे हैं? यह अवैध धंधा क्यों तेजी से फलता फूलता जा रहा है?क्यों लोगों की जिंदगियों से खेला जा रहा है? क्या इसका जवाब जिला प्रशासन स्थानीय प्रशासन नगर प्रशासन के पास है? यदि कोई अनहोनी हो जाती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?

कहना गलत नही होगा कि बारूद की ढेर पर बैठा हुआ है नगर पंचायत अशरफपुर किछौछा का दरगाह क्षेत्र। सवाल बहुत बड़ा है जवाब का इंतजार जनता कर रही है।

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