प्राचीन धौरूआ पोखरे को संरक्षण की आस,दो दिवसीय मेले की लोगों ने बयां की दास्तान

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प्राचीन धौरूआ पोखरे को संरक्षण की आस,दो दिवसीय मेले की लोगों ने बयां की दास्तान
जलालपुर,अंबेडकरनगर। विश्व विरासत दिवस के अवसर पर संरक्षण की राह देख रहे धौरुआ रियासत का प्रसिद्ध व प्राचीन श्रीराम जानकी मंदिर तथा सरोवर के उचित रख-रखाव व प्रबंधन न होने से स्थानीय नागरिकों द्वारा विरोध जताया गया। विश्व विरासत दिवस के अवसर पर वास्तविक स्थिति का पड़ताल करने पर यहाँ राम नवमी के अवसर पर मेला लगा हुआ मिला जिसमें सड़क की दोनों पटरियों पर नाममात्र की दुकाने दिखाई पड़ी जो वर्षों पुरानी परंपरा का निर्वहन कर मेले को जिन्दा रखे थीं। विशाल सरोवर व मध्य युगीन ढंग से बनाये गये घाट व सीढ़ियां हमें अपनी विरासत से परिचय करवाते हैं तो सरोवर में भरा गन्दा पानी व ध्वस्त हो रहे किनारे अपनी धरोहरों के संरक्षण की मंशा पर सवाल भी उठाते हैं। मंदिर के सामने ही चाय की दुकान चलाने वाले भोला सिंह ने बताया कि मंदिर बहुत ही पुराना है जिसे धौरुवा रियासत के द्वारा बनवाया गया था। इसका संचालन अभी श्रीराम जानकी ट्रस्ट द्वारा किया जा रहा है। ट्रस्ट द्वारा मंदिर की देखरेख हेतु राजबली यादव महाराज नामक पुजारी को नियुक्त किया गया है। स्थानीय नागरिक रामनयन ने बताया कि मंदिर लगभग 200 साल पुराना है। मंदिर की मूर्तियां अक्सर चोरों के निशाने पर रहती हैं जिसकी वजह से मंदिर में कई बार चोरी हो चुकी है। मंदिर व पोखरे के मरम्मत हेतु किसी भी तरह की सरकारी मदद नहीं मिलती है। अन्य स्थानीय विजय मिश्रा ने बताया कि यहाँ प्रतिवर्ष राम नवमी व दीपावली के अवसर पर मेला लगता है। सड़क के किनारे स्थित खतौनी की जमीनों पर विक्रय व निर्माण हो जाने के कारण मेले हेतु केवल सड़क की ही पटरियाँ ही बची हुई हैं। अभी तक किसी सरकारी मदद की जानकारी नहीं मिली है।