दसवीं मोहर्रम पर गमगीन माहौल में सुपुर्द किए गए ताजिया

दसवीं मोहर्रम पर गमगीन माहौल में सुपुर्द किए गए ताजिया
जलालपुर,अम्बेडकरनगर। मोहर्रम की दसवीं तारीख (यौम-ए-आशूरा) पर बड़ी संख्या में ताजिया व अलम हाय हुसैन की गमगीन सदाओं के बीच बड़ी दरगाह पहुंच सुपुर्द लहद किये गये। इससे पूर्व नगर के जाफराबाद स्थित बड़ा इमामबाड़ा से मौलाना रईस हैदर के खिताब के बाद नंगे पांव महिलाओं व पुरूषों एवं बच्चों का गमजदा जुलूस जाफराबाद से निकल उस्मानपुर होते हुए तीन किलोमीटर दूर चिलवनिया गांव स्थित कदीमी बड़ी दरगाह कर्बला की ओर कूच कर गया।
अलम व दुलदुल के साथ निकले जुलूस में रह रहकर हो रहे छुरी, कमा के मातम से लहूलुहान अजादार हजारों साल पहले आतंकवाद के खिलाफ जंग-ए-कर्बला में जांबाजों की दिलेरी दर्शा रहे थे।नगपुर,आसीपुर,उस्मानपुर, मुस्तफाबाद,जाफराबाद, काजीपुरा ,करीमपुर आदि स्थानों से बड़ी दरगाह सैकड़ों ताज़िए पहुंचे जहां शिया समुदाय ने दिन भर फाका रहकर शाम को सात प्रकार के भुने दाने व सबील से फाका तोड़ा।छुरी कमा के मातम लहुलुहान अजादारो के त्वरित इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नगपुर की टीम मौजूद रही।
यौम-ए-आशूरा दसवीं मोहर्रम सकुशल संपन्न होने पर प्रशासन ने राहत की सांस ली। चिलवनिया स्थित बड़ी दरगाह कर्बला पर उपजिलाधिकारी सुनील कुमार, पुलिस क्षेत्राधिकारी देवेंद्र कुमार मोर्या व कोतवाल संतकुमार सिंह दल-बल के साथ मौजूद रहे। उक्त अवसर पर पूर्व पालिकाध्यक्ष हाजी कमर हयात अंसारी,इब्ने अली जाफरी, इनाम जाफरी, अली हैदर,अहसन रज़ा,शादि अली, कर्रार मेहदी, शारिब अब्बास आदि मौजूद रहे।
शाम -ए-गरीबां की मजलिस का हुआ आयोजन। जुलूस समाप्त होने के बाद शाम -ए-गरीबां की मजलिसों का क्रम देर रात्रि तक जारी रहा। बड़े इमामबाड़ा पर मौलाना हैदर मेहंदी ने शाम -ए-गरीबां की मजलिस को खिताब किया।हैदरी इमामबाड़ा में मौलाना सईद हैदरी ने यजीदी फौज द्वारा हुसैनी खेमे में आगजनी व हुसैनी काफिले पर ज़ुल्म सितम ढाने का पुरदर्द दास्तां बयां किया।