Ayodhya

ट्रक बिक्री प्रकरण में थानाध्यक्ष सम्मनपुर पर जालसाज क्रेता को संरक्षण देने का आरोप

  • ट्रक बिक्री प्रकरण में थानाध्यक्ष सम्मनपुर पर जालसाज क्रेता को संरक्षण देने का आरोप
  • फर्जी हस्ताक्षर के शपथ पत्र की रिर्पोट भेजने का मामला

इसे लेकर हाईकोर्ट जाने की तैयारी में पीड़ित ओम प्रकाश सिंह
अम्बेडकरनगर। थाना सम्मनपुर क्षेत्र के यहिया कमालपुर के रहने वाले ओम प्रकाश सिंह पुत्र स्व. कमला प्रसाद सिंह ने अपने बिक्री किये ट्रक प्रकरण में जालसाज क्रेता को पुलिस द्वारा संरक्षण दिये जाने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश शासन को शिकायती पत्र भेजकर जांच एवं कार्यवाही की मांग किया है जिसकी जांच निष्पक्ष न होने से पीड़ित परेशान होकर न्यायालय की शरण लेने को मजबूर है।

पीड़ित ने भेजे पत्र में अवगत कराया है कि उनके पास ट्रक जिसका नंबर-यूपी 45-टी-7941 था। इस ट्रक को निरंजन यादव पुत्र महिमा यादव निवासी भदोही थाना मालीपुर के हाथ 9 दिसम्बर 22 को बिक्री इस आधार पर किया था कि तयसुदा रकम 3 लाख 50 हजार और फाइनेंस की किस्त क्रेता द्वारा बैंक को भुगतान करना होगा। इस समझौते को स्वीकार करते हुए क्रेता द्वारा ओम प्रकाश सिंह को एक शपथ पत्र भी उस दौरान दिया गया था।

उक्त धनराशि की क्रेता ने बिक्रेता को बतौर चेक देकर ट्रक के नाम से मालीपुर स्थित यूनियन बैंक की शाखा से फाइनेंस भी करवाया किन्तु उसके द्वारा जब बैंक से विक्रेता को चेक क्लीयरेंस की तिथि आयी तो क्रेता ने अपने खाते से सम्पूर्ण रकम निकाल लिया जिससे वह भुगतान नहीं हो सका। मामले को लेकर पीड़ित ओम प्रकाश ने 1076 पर आनलाइन शिकायत किये और मुख्यमंत्री को पत्र भी प्रेषित कर जांच की मांग किया।

पीड़ित के अनुसार यह जांच थानाध्यक्ष सम्मनपुर को मिली तो उनके द्वारा जालसाज को बुलवाकर सौदेबाजी कर लिया गया। उन्होनें बताया कि थाने की पुलिस द्वारा हमे अवगत कराया गया और वहां पहुंचने पर ट्रक बिक्री के समय का शपथ पत्र आदि उपलब्ध करवा दिये। इसके बावजूद थानाध्यक्ष ने जालसाल क्रेता के जरिए एक अलग से शपथ पत्र मांगे जिसके आधार पर उनके द्वारा मुख्यमंत्री और आनलाइन रिर्पोट में प्रेषित कर अपने दायित्व से इतिश्री कर लिया गया।

उन्होनें बताया कि जिस शपथ पत्र को क्रेता ने उपलब्ध कराया है उससे मेरा कोई लेना-देना नहीं है और न ही उसमें मेरे हस्ताक्षर हैं। उन्होनें बताया कि इसके लिए हम हाईकोर्ट जाने के लिए मजबूर है जिसमें जालसाल क्रेता को बचाने वाले थानेदार भी पूरी तरह जिम्मेदार होंगे। उन्होने यह भी बताया कि जिस समय ट्रक की बिक्री किया गया था उस मौके पर जिन-जिन की संलिप्तता थी उनकी भी जवाबदेही सुनिश्चित की जायेगी।

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