झोलाछाप डॉक्टर बेखौफ चला रहे हैं प्राइवेट हॉस्पिटल, रोक लगाने के बजाय विभाग के अधिकारी मेहरबान

अम्बेडकरनगर। पहले झोलाछाप डॉक्टर बगैर किसी बोर्ड लगाए साधारण बीमारी सर्दी, जुखाम, बुखार, पेट दर्द, उल्टी, दाद, खाज खुजली समेत अन्य कुछ बीमारियों का इलाज करते हुए देखे जा सकते थे किंतु अब ये झोलाछाप डॉक्टर बगैर किसी डिग्री और डिप्लोमा के निडर होकर नर्सिंग होम का संचालन शुरू कर दिया है।जब कि इसके पहले मरीजों और बच्चों की मौत पर कई फर्जी नर्सिंग होमो के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर सीज भी किया जा चुका है इसके वावजूद नए अवैध नर्सिंग होम के खुलने का सिलसिला जारी है।इन अवैध अस्पतालों में ऑपरेशन समेत अन्य गंभीर बीमारियों का इलाज भी किया जा रहा है जबकि पूरे जनपद में सर्जन सरकारी अस्पतालों के अलावा है ही नहीं।इन अवैध अस्पतालों के संचालकों से बात करने पर पता चला कि सब रुपए का खेल है।सब अपना अपना हिस्सा लेकर आंख कान बंद कर चुके हैं।यह हाल है जलालपुर / अकबरपुर सहित अन्य बाजारों का जहां बगैर पंजीकरण के अवैध रूप से कई अस्पताल संचालित हो रहे है।कुछ ऐसे ही फर्जी अस्पतालों का ब्यौरा प्रकाशित किया जा है जिससे स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत की तरफ इशारा कर रहा है।
अस्पताल नंबर-1
जलालपुर अकबरपुर मार्ग पर हाथी पार्क से आगे लगभग 500 मीटर की दूरी पर बाए पटरी पर संचालित हो रहा है।अस्पताल के ऊपर एच पी मेडिकल स्टोर का बोर्ड लगा है।पड़ताल के समय इसमें हड्डी रोग से सम्बन्धित कई मरीज भर्ती मिले। यहां ओपीडी भी चलती है। डाक्टर कौन है कोई बताने वाला नहीं।
अस्पताल नंबर-2
दूसरा अस्पताल जलालपुर से बसखारी रोड पर तमसा पुल के लगभग 20 मीटर पहले बाएँ तरफ संचालित हो रहा है।इस अस्पताल पर नूर मेडिकल लिखा हुआ है। पड़ताल में अंदर कई मरीज भर्ती मिले। डाक्टर कौन किसी को जानकारी नहीं।
अस्पताल नंबर-3
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बड़ेपुर गेट के सामने मुख्य राश्ते पर एक अस्पताल अवैध तरीके से संचालित हो रहा है। यहां भी मरीजों को भर्ती कर ऑपरेशन आदि किया जाता है।
अस्पताल नंबर- 4
कन्नूपुर ग्राम पंचायत में संज्ञान पब्लिक स्कूल से लगभग 30 मीटर अंदर अवैध हॉस्पिटल संचालित हो रहा है।इस पर कोई बोर्ड नहीं लगा है किंतु ऑपरेशन आदि किया जाता है।
अस्पताल नंबर-5
जलालपुर रामगढ़ रोड पर सोहगुपुर बाजार जाने पर बाएँ तरफ गली में संचालित हो रहा है। यहां भी मरीजों को सभी सुविधाएं दी जा रही हैं।उक्त तो कुछ उदाहरण है ऐसे फर्जी अस्पतालों की पूरे जनपद में बाढ़ आ गई है।जब इन अवैध अस्पतालों पर कार्यवाही की चर्चा उपजिलाधिकारी जलालपुर पवन जायसवाल से की गई तो उन्होंने यहां के डिप्टी सीएमओ डॉ आशुतोष से मोबाइल पर बात कराकर फुर्सत ले लिया। डिप्टी सीएमओ से बताया कि बगैर सीएमओ के आदेश के किसी वैध अथवा अवैध अस्पताल की जांच मुश्किल है। उक्त के संबंध में नगपुर जलालपुर अधीक्षक ने अपने दायित्व से पीछा छुड़ाते हुए कहा कि इस मामले में सीएमओ साहब से बात कर लीजिए।