जिले में औषधि विभाग की साठ-गांठ से बगैर लाइसेंस के मेडिकल स्टोरों की भरमार

-
निरीक्षण में ड्रग इंस्पेक्टर ऐसे संचालकों को करते आ रहे हैं नजरंदाज
अम्बेडकरनगर। फर्जी लाइसेंस पर शहर में दर्जनों मेडिकल स्टोर चल रहे हैं। शहर की घनी आबादी वाले क्षेत्रों में ये मेडिकल स्टोर संचालक लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। आलम यह है कि बिना लाइसेंस के मेडिकल स्टोरो में इसकी बिक्री जम कर हो रही है। जहां सिर्फ अमानक स्तर की दवाइयां में नशीली सिरप की भी विक्री होती है।
ऐसे मेडिकल स्टोर को संचालित करने वाले अधिकतर व्यक्तियों के पास मेडिकल स्टोर संचालन का न तो लाइसेंस है और न ही उसके अनुरूप किसी भी प्रकार की डिग्री है। जो गली-गली मोहल्लों से लेकर कस्बाई क्षेत्रों में बिक्री की जाती है। बताया जाता है कि यहां चिकित्सकों की दवाई लिखी पर्चियां कम आती हैं। कागजों में सीमित निरीक्षण इस क्षेत्र में अवैध रूप से खुले मेडिकल स्टोर का निरीक्षण एक दशक से आज तक किसी भी जिम्मेंदार स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा नहीं किया गया।
सूत्रों की मानें तो इन अवैध विक्रेताओं और मेडिकल अधिकारियों एवं औषधि विभाग के अफसरों का विधिवत समझौता चलता है जिससे निरीक्षण अधिकारी दवाई विक्रेता के यहां निरीक्षण न कर समझौता शुल्क तक ही सीमित रह गए हैं। गैर डिग्रीधारी चला रहे मेडिकल स्टोर इस क्षेत्र में संचालित मेडिकल स्टोर उधार की डिग्री में चलाये जा रहे है।
हकीकत यह है कि मेडिकल स्टोरां की योग्यता रखने वाला व्यक्ति या तो नौकरी करता है या कहीं और कामकर रहा है। जबकि गैर डिग्री धारी व मेडिसिन के बारे में कुछ न जानने वाला व्यक्ति उधार की डिग्री में खुलेआम मेडिकल स्टोर का संचालन कर रहा है। जिससे अक्सर बेमौत भी मरीज की जान चली जाती है इन मेडिकल स्टोरों पर खुलेआम छोटे से लेकर गंभीर मरीजों का इलाज किया जा रहा है मगर स्वास्थ्य विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा है।