Ayodhya

जिले के उपसंचालक चकबंदी कार्यालय के बाबू कुशल चन्द के भ्रष्टाचार की चर्चा जोरों पर

  • मिझौड़ा कार्यालय के भाड़ा भुगतान में मालिक से कमीशन वसूली किये जाने के बाद मामला गरमाया

  • जीरो टालरेंस नीति को चुनौती देने में कोई कोर कसर नहीं छोड़़ रहा है भ्रष्टाचार में मशहूर बाबू कुशल चन्द

अम्बेडकरनगर। जिले के उपसंचालक चकबंदी अधिकारी कार्यालय के बाबू कुशल चन्द द्वारा मिझौड़ा स्थित प्राइवेट दफ्तर के किराये के भुगतान प्रकरण में मालिक से 8 प्रतिशत कमीशन मांगने और वसूली का वायरल वीडियो और मीडिया की सुर्खियों में आने के पश्चात उनके भ्रष्टाचार की जिधर देखिए वहीं चर्चा जोरों पर शुरू हो गयी है। लोगों का कहना है कि ऐसे भ्रष्टाचारी के खिलाफ तत्काल ठोस कार्यवाही होनी चाहिए ताकि सूबे के मुख्यमंत्री की जीरो टालरेंस नीति का जनमानस में बेहतर संदेश जाए। ज्ञात हो कि पिछले दिनों बाबू कुशल चन्द का सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें उनके द्वारा मिझौड़ा स्थित प्राइवेट किराये के दफ्तर 12 महीने का भाड़ा भुगतान करने के लिए मालिक से 8 प्रतिशत कमीशन जो तय था उसी को लेकर नोक-झोंक का मामला आया था। यह मीडिया कर्मियों के हाथ लगा और धीरे-धीरे सुर्खियों में आ गया। इस वायरल वीडियो में खुलेआम उक्त बाबू घूस के पैसे की गणना कर रहा है। यह सुर्खियों में आने के पश्चात अब आम जनमानस के स्वर मुखर होने लगा है जिनके द्वारा यह कहा जा रहा है कि बाबू कुशल चन्द जब से उपसंचालक चकबंदी कार्यालय में तैनात हुए हैं उनके द्वारा कहीं वादकारियों से मुकदमा में फैंसला कराने का सौदा आये दिन हो रहा है अथवा जिन क्षेत्रों में चकबंदी आदि के कार्य हो रहे है वहां के कास्तकारों को अच्छी जमीन पर पर चक बैठाने के लिए ठेका लिया जा रहा है। लोगां का कहना है कि एक तरफ सूबे के मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए संकल्पित है वहीं बाबू कुशल चन्द जीरो टालरेंस की नीति को चुनौती देने के में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे है। दिन-प्रतिदिन उनका यह खेल बेखौफ चल रहा है। लोगां का यह भी कहना है कि ऐेसे भ्रष्ट बाबू की कर्मचारी सेवा नियमावली में दिये गये नियम के तहत उनके व परिवारीजनों के नाम अर्जित चल व अचल सम्पत्तियों की यदि जांच करायी जाए तो स्वतः ही उनके विभाग में तैनाती से लेकर अब तक के भ्रष्टाचार की पोल स्वतः खुलकर सामने आ जायेगी। भीटी तहसील क्षेत्र जहां अभी कुछ माह पहले चकबंदी हुई है वहां के दर्जनों कास्तकारों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि बाबू कुशल चन्द अपने काले कारनामें में मशहूर है जिनके खिलाफ प्रशासन और विभाग को भी जांच कराकर कार्यवाही करना चाहिए। ताकि मुख्यमंत्री के जीरो टालरेंस नीति का आमजन में बेहतर संदेश पहुंचे।

 

पूरी खबर देखें

संबंधित खबरें

error: Content is protected !!