Ayodhya

जितुवा व्रत रख महिलाओं ने पुत्रों के दीर्घायु की कामना किया

जलालपुर,अंबेडकरनगर। पुत्रवती महिलाएं अपने पुत्रों की दीर्घायु की कामना से जितुवा व्रत करती है इसके संबंध में पौराणिक कथा है कि गरुण ने जीमूतकेतु नामक गंधर्व के पुत्र जीमूतवाहन के प्राण नाग समझकर ले लिए थे जब उन्हें यह ज्ञान हुआ कि यह तो नाग नहीं गंधर्व हैं तो उन्हें बड़ी गलान हुई इस समय वहां जीमूतवाहन के पिता जीमूतकेतु व उसकी माता भी पहुंच गई गरुड़ जी अपने कृत्य के लिए पश्चाताप कर रहे थे कि मुझसे बहुत बड़ा पाप हुआ अब मै क्या करु संजोग से इसी समय वहां भगवान शिव और माता पार्वती आ गए गरुण ने एवं जीमूत केतु ने माता पार्वती और शिव से अपने पुत्र के जीवन के लिए प्रार्थना किया तो माता पार्वती ने गरुड़ से कहा कि क्यों नहीं अमृत ला करके जीमूतवाहन को जीवित कर देते गणेश जको ध्यान आया उसी समय गरुड़ जी ने कहा हे माता मैंने आज तक जितने नागों का वध किया है यदि उनकी हड्डी शेष है तो मैं सबको जीवित कर दूंगा ऐसा कहकर उन्होंने आकाश से अमृत की वर्षा की जिससे जीमूतवाहन और अन्य नाग भी जिनकी हड्डी मात्र शेष थी जीवित हो गए इसीलिए यह व्रत स्त्रियां अपने पुत्र की दीर्घायु के लिए करती है। इस त्यौहार के मौके पर बाजारों में काफी भीड़ व चहल पहल रही दुकानों पर फल आदि खरीदते हुए नजर आए इसमें मुख्य रूप से जैतुवा सूत्र का प्रयोग किया जाता है जिसको दुकानदार जयतुआ सूत्र बनाने में लगे रहे और खरीदने वालों की भीड़ भी लगी रही साथ ही फलों की दुकान भी सजी रही।

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