जमीनों की पैमाइश और हदबरारी के वादों में राजस्व निरीक्षकों की घूसखोरी से फरियादी परेशान
तहसील जलालपुर क्षेत्र के सैकड़ों किसान इस तरह की समस्या को लेकर चक्कर काटने को मजबूर

जलालपुर,अंबेडकरनगर। अपनी ही खतौनी की जमीन की पैमाईश के लिए हजारों रुपए खर्च कर दायर किया गया हदबरारी का वाद जहां किसानों के लिए मुसीबत बन गया है वहीं राजस्व निरीक्षकों के लिए नफा का सौदा बन गया है। हदबरारी में नाक रगड़ने और हजारों रुपए नाजायज खर्च करने के बाद किसी तरह नोटिस कटी। नोटिस आस-पास के किसानों तक पहुंचाने के लिए एड़िया रगड़ी। न्यायालय ने पत्थर नसब का आदेश राजस्व निरीक्षकों दिया। किंतु तीन माह में निपटने वाली हदबरारी की फाइल कानूनगो की झोला की शोभा बढ़ा रही है। किसान न्यायालय का आदेश लेकर चकरघिन्नी बन नाच रहा है किंतु उसकी पीड़ा कोई सुनने वाला नहीं है। अब सवाल यह है कि किसान अपनी खेत की पैमाईश और कम जमीन कैसे प्राप्त करें यक्ष प्रश्न बन गया है। हालत यह है कि किसान पत्थर नसब के लिए आए दिन अधिकारियों के सामने खड़े होकर गिड़गिड़ा रहा है किंतु अधिकारी लापरवाह बने हुए है। यदि अधिकारी ने राजस्व निरीक्षक को बुलाकर अथवा फोन कर पत्थर नशब का आदेश निर्देश भी दे रहे है किंतु उनके कान पर जूं तक नहीं रेंग रहा है।यह हाल है जलालपुर तहसील का जहां हद बरारी की सैकड़ो फाइल लटकी हुई हैं। कुछ ऐसी ही किसानो की हद बरारी की पत्रावली का ब्योरा प्रकाशित है जिससे इनकी नियत को समझा जा सकता है।
केस-1
गांव निवासी मार्तनडेय सिंह ने अपने खेत की पैमाईश के लिए 2019 में हद बरारी का वाद दायर किया। 2021 में न्यायालय ने राजस्व निरीक्षक को पत्थर नसब का आदेश दिया। तीन वर्ष बीत गए किंतु आज तक पत्थर नसब नही किया गया। इस बीच 6 उपजिलाधिकारी का स्थान्तरण भी हो गया। चार राजस्व निरीक्षक भी बदल गए। बीते सोमवार को उनके पुत्र आशुतोष सिंह उपजिलाधिकारी सुभाष सिंह से मुलाकात कर पूरे प्रकरण की जानकारी दी। उपजिलाधिकारी ने फोन कर राजस्व निरीक्षक भुवन प्रसाद को पत्थर नशव का आदेश दिया। पांच दिन बीत जाने के बाद भी राजस्व निरीक्षक पत्थर नसव को नहीं पहुंचे।
केस-2
सल्लाहपुर अकबालपुर निवासी रजनीश तिवारी ने बीबीपुर भूसौली स्थित अपनी जमीन की पैमाईश के लिए हद बरारी का वाद 2022 में दायर किया।बीते 16 मार्च को अदालत ने पत्थर नसब का आदेश दिया। तीन माह बीत गए पत्रवाली राजस्व निरीक्षक अपने बस्ता में लेकर टहल रहे है। उक्त दो केस तो महज उदाहरण है ऐसे सैकड़ो किसान हजारों रुपए खर्च कर हद बरारी का वाद दायर कर तहसील और राजस्व निरीक्षक का चक्कर लगा रहे है। उपजिलाधिकारी सुभाष सिंह ने बताया कि सभी लंबित हद बरारी के आदेश के अनुपालन का आदेश दिया गया है। फिरहाल उक्त मामले एक बानगी है इस तरह की समस्या लिए सैकड़ों की संख्या में किसान स्थानीय तहसील से लेकर डीएम,कमिश्नर व मुख्यमंत्री तक चक्कर लगाने को मजबूर है जिनके द्वारा निदान पाने के लिए शिकायती पत्र भी भेजने का सिलसिला निरन्तर चल रहा है।